अंडरवियर पहने फर्श पर लेट गए पूर्व साउथ कोरियन राष्ट्रपति:पूछताछ में मदद नहीं की; यून सुक योल ने देश में इमरजेंसी लगाई थी

जेल में बंद दक्षिण कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल खुद पर लगे गंभीर आरोपों की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी AFP सरकारी वकीलों ने बताया कि जब वे शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति के पास पूछताछ पहुंचे, तो यून अंडरवियर पहनकर फर्श पर लेट गए। यून ने जेल में दिए गए कपड़े पहनने से भी इनकार कर दिया। यून सुक योल पर चुनाव में गड़बड़ी करने का आरोप है। इसी से जुड़ी पूछताछ के लिए सरकारी वकील पहुंचे थे। सुरक्षा वजहों से उनके साथ शारीरिक बल का इस्तेमाल नहीं किया गया और वारंट को फिलहाल रोक दिया गया। राष्ट्रपति यून ने 3 दिसंबर की रात को देश में मार्शल लॉ लगा दिया था। हालांकि भारी विरोध के बाद उन्होंने 6 घंटों के भीतर ही अपना फैसला वापस ले लिया था। इसके बाद उन्हें महाभियोग लगाकर पद से हटा दिया गया था। वकील बोले- 40 डिग्री तापमान में रह रहे पूर्व राष्ट्रपति वकीलों के मुताबिक, यून ने उस समय बिना आस्तीन वाला एक टॉप और जेल का अंडरवियर पहना हुआ था। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी है कि अगली बार अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें जबरदस्ती भी लाया जा सकता है। इस पूरी घटना पर यून की कानूनी टीम ने जवाब दिया है। उनके वकील यू जियोंग-ह्वा ने कहा कि सरकारी वकीलों ने प्रेस के सामने जो ब्रीफिंग दी, वह अपमानजनक थी। उन्होंने कहा कि एक बंदी के कपड़ों पर इस तरह सार्वजनिक टिप्पणी करना इंसानियत के खिलाफ है, खासकर तब जब वह 40 डिग्री तापमान वाली एक गर्म जेल में बंद है। यून के वकीलों का कहना है कि पूर्व राष्ट्रपति की तबीयत ठीक नहीं है। उन्हें कई बीमारियां हैं, जो जांच में सहयोग करने में रुकावट बन रही हैं। न्याय मंत्री बोले- जानबूझकर अंडरवियर में थे पूर्व राष्ट्रपति दक्षिण कोरिया के न्याय मंत्री जंग सुंग-हो ने इस पूरे घटनाक्रम को शर्मनाक बताया। उन्होंने संसद में कहा कि पूर्व राष्ट्रपति को ऐसा बर्ताव नहीं करना चाहिए था। मंत्री ने कहा कि यून ने जानबूझकर जेल की वर्दी उतारी और जब जांच टीम चली गई, तो फिर से पहन ली। हालांकि सरकार ने भरोसा दिलाया है कि यून के पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाएगा, लेकिन कानून सब पर समान रूप से लागू होगा। यून सुक योल पर देश में मार्शल लॉ लागू करने के आरोप गौरतलब है कि पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल पर देश में मार्शल लॉ लागू करने की कोशिश का आरोप है। उन्होंने संसद में सेना भेजने की योजना बनाई थी, ताकि सांसद उनके खिलाफ मतदान न कर सकें। यून के इस कदम ने दक्षिण कोरिया को गंभीर राजनीतिक संकट में धकेल दिया था। उनके खिलाफ विद्रोह, सत्ता के दुरुपयोग और चुनाव में गड़बड़ी जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं। हालांकि उन्हें जनवरी 2025 के मध्य में हिरासत में लिया गया, लेकिन वे कई बार अदालत और अभियोजन पक्ष की पूछताछ में शामिल होने से इंकार करते रहे हैं। इसके चलते उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया। डिटेंशन सेंटर में बंद हैं पूर्व राष्ट्रपति पूर्व राष्ट्रपति यून सूक योल को जनवरी 2025 से लेकर अब तक हिरासत में रखा गया है। उनकी गिरफ्तारी की पहली कोशिश 3 जनवरी 2025 को हुई थी, जब उन पर मार्शल लॉ लागू करने की साजिश और चुनावों में गड़बड़ी जैसे गंभीर आरोप लगे। सुरक्षा कारणों के चलते उस वक्त गिरफ्तारी नहीं हो सकी। इसके बाद 15 जनवरी को यून ने खुद गिरफ्तारी दी और उन्हें सियोल डिटेंशन सेंटर भेजा गया। करीब 52 दिन जेल में बिताने के बाद, 8 मार्च 2025 को अदालत ने उनकी हिरासत को रद्द कर दिया और उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। हालांकि, मामले में जांच जारी रही और 10 जुलाई 2025 को सरकारी वकीलों ने उनके खिलाफ एक और गिरफ्तारी वारंट जारी किया। इसके बाद उन्हें दोबारा हिरासत में लिया गया और वे फिर से सियोल डिटेंशन सेंटर में बंद हैं। ———————————– यून सुक योल से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… साउथ कोरिया में इमरजेंसी लगाने वाले राष्ट्रपति हटाए गए:महाभियोग प्रस्ताव पास, अब PM देश चलाएंगे; संसद के बाहर प्रदर्शनकारियों ने खुशी मनाई साउथ कोरिया में राष्ट्रपति यून सुक-सोल के खिलाफ शनिवार को महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक संसद में उनके खिलाफ 204 वोट पड़े जबकि उनके समर्थन में सिर्फ 85 वोट डाले गए। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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