अंबिकापुर-निजामुद्दीन-अंबिकापुर में लगे चार जनरल कोच दो आगे दो पीछे, वासु दादा की आवाज रंग लाई

अंबिकापुर-निजामुद्दीन-अंबिकापुर में लगे चार जनरल कोच दो आगे दो पीछे, वासु दादा की आवाज रंग लाई
अनूपपुर :-पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद रही रेणुका सिंह के प्रयास से अंबिकापुर से हजरत निजामुद्दीन साप्ताहिक ट्रेन प्रारंभ हुई थी।जो पूरी तरह से एयर कंडीशन थी।लेकिन मंत्री रहते हुए रेणुका सिंह के प्रयास से धीरे-धीरे उसमें स्लीपर क्लास की सुविधा प्रारंभ हुई। लेकिन जनरल श्रेणी के कोच उस ट्रेन में नहीं थे।
जिसके लिए जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी (वासु दादा) लगातार संघर्ष करते रहे। निचले स्तर से लेकर उच्च स्तर तक हर राजनीतिक दल के लोगों के माध्यम से पत्राचार बराबर करते रहे।जिसका परिणाम हुआ कि अंबिकापुर-निजामुद्दीन साप्ताहिक ट्रेन में चार जनरल कोच भी लगने लगे।जिसमें दो कोच आगे दो कोच पीछे लग रहे हैं।जिससे यात्रियों को अब यात्रा करने में काफी सुविधा मिलेगी।
देखा जा रहा था कि दिल्ली के लिए काफी संख्या में लोग जाते हैं।उसमें गरीब किस्म के लोग भी रोजगार के लिए दिल्ली की और कुच करते हैं।जिनके पास रिजर्वेशन के लिए पैसे नहीं होते वह जनरल कोच में यात्रा करते हैं।
इस समस्या को देखते हुए लगातार संघर्ष करने वाले वासुदेव चटर्जी एडवोकेट निरंतर पत्राचार करते रहे। जिसका परिणाम सामने आया और पूरी एयर कंडीशन ट्रेन जो मंत्री के प्रयास से स्लीपर भी लगा था अब उसमें जनरल कोच भी लगने लगे।
अब जनरल कोच में यात्रा करने वाले यात्री यूटीएस एप से अपने टिकट ले सकते हैं।रेल प्रशासन ने सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधा के लिए अंबिकापुर -निजामुद्दीन-अंबिकापुर साप्ताहिक ट्रेन चार सामान्य श्रेणी के कोचों की संख्या में विस्तार किया है।

कोतमा स्टॉपेज के लिए निरंतर कर रहे मांग साथ ही ट्रेन नियमित की जाए

जिला विकास मंच के संयोजक वासुदेव चटर्जी एडवोकेट ट्रेन नंबर 22407/22408 अंबिकापुर-निजामुद्दीन- अंबिकापुर ट्रेन को कोतमा रेलवे स्टेशन में स्टॉपेज दिए जाने की निरंतर मांग कर रहे हैं।उनका कहना है कि पूरे कोयलांचल क्षेत्र के लोग दिल्ली के लिए सफर करने के लिए या तो बिजुरी रेलवे स्टेशन जाते हैं या फिर अनूपपुर रेलवे स्टेशन आते हैं।कोयलांचल के यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए तत्काल अंबिकापुर-निजामुद्दीन -अंबिकापुर साप्ताहिक ट्रेन का स्टॉपेज कोतमा में घोषित किया जाए।इसके साथ ही ट्रेन को नियमित रूप से चलाया जाए।निश्चित ही रेलवे को अच्छा राजस्व देने वाली ट्रेन का खिताब इसे मिलेगा।

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