भास्कर न्यूज | अंबिकापुर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने बिलासपुर में क्षेत्रीय रेलवे उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति की बैठक की। इसमें अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन निर्माण की मांग प्रमुखता से उठी। यह परियोजना सरगुजा अंचल में रेल सुविधाओं के विस्तार के लिए जरूरी बताई गई। अंबिकापुर को राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जोड़ने वाली यह योजना रेलवे के लिए लाभप्रद, बहुउपयोगी और व्यावहारिक है। प्रस्ताव रेलवे बोर्ड में विचाराधीन है। जोनल सलाहकार समिति के सदस्य मुकेश तिवारी ने कहा, यह रेल लाइन सरगुजा के यातायात, खनिज, औद्योगिक विकास, रोजगार और पर्यटन के लिए जरूरी है। इससे सरगुजा क्षेत्र देश की राजधानी से बेहतर तरीके से जुड़ेगा। परियोजना से राज्य के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। अंबिकापुर, सूरजपुर, बलरामपुर और सोनभद्र जिले के कई विकासखंड पहली बार रेल नेटवर्क से जुड़ेंगे। रेल लाइन लगभग 70 ग्राम पंचायतों से होकर गुजरेगी। इसके आसपास 32 कोल ब्लॉक हैं। बॉक्साइट परिवहन के लिए भी यह मार्ग उपयुक्त है। उत्तर छत्तीसगढ़ में मजबूत उपनगरीय परिवहन नेटवर्क बनेगा। यह मार्ग छत्तीसगढ़ को रेणुकूट के रास्ते वाराणसी से जोड़ेगा। इससे राज्य की तरक्की को नई दिशा मिलेगी। बैठक में अंबिकापुर-रेणुकूट रेल लाइन के प्रस्ताव को जन भावना और न्यायोचित तथ्यों के साथ रेलवे बोर्ड को भेजने की मांग की गई। साथ ही इसका निर्माण जल्द शुरू करने की अपील की गई। यह रेल लाइन अंबिकापुर से शुरू होकर कमलपुर ग्राम (सिलफिली) होते हुए म्योरपुर रोड में रेणुकूट लाइन से जुड़ेगी। इसकी अनुमानित लंबाई 152 किलोमीटर है। निर्माण पर 8217 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसका फाइनेंशियल इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न +5.51% और इकोनॉमिकल इंटरनल रेट ऑफ रिटर्न 19.50% है। यह तय मानकों से बेहतर है। प्रस्तावित मार्ग में कमलपुर और म्योरपुर के बीच छत्तीसगढ़ में सोनवाही, मजिरा, मदननगर, गोटगवां, प्रतापपुर, चंदौरा, पहाड़ करवा, रेवती, वाड्रफनगर, रूपपुर और उत्तर प्रदेश में इकदरी, घघरा, चांगा, म्योरपुर में स्टेशन बनाए जाएंगे। इस रेल मार्ग के 25 किलोमीटर के दायरे में रहने वाली लगभग 5 लाख की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा। यात्रा आरामदायक और कम समय में पूरी होगी। इससे यात्रियों को लाभ मिलेगा।