गरियाबंद जिले के मैनपुर में ED ने कारोबारी इकबाल मेमन के घर छापा मारा है। टीम आज (बुधवार) सुबह 6 बजे 10 से ज्यादा गाड़ियों में कारोबारी के घर पहुंची। टीम घर में प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज खंगाल रही है। इकबाल मेमन छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर का रिश्तेदार (मौसा) बताया जा रहा है। वहीं रायपुर के मौदहापारा में चावल कारोबारी रफीक मेमन के घर भी दबिश दी गई है। गरियाबांद के जाड़ापदर में बनाए जा रहे राइस मिल को लेकर कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने विरोध जताया था। ये मिल इकबाल के बेटे गुलाम द्वारा बनाई जा रही थी। विवाद बढ़ने के बाद ग्रामीणों ने ED के पास पहुंचकर एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। ग्रामीणों ने शराब सिंडिकेट के पैसे का इन्वेस्टमेंट करने आरोप लगाया है। मैनपुर में 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति खरीदी आवेदन में आरोप था कि बेरोजगार गुलाम मेमन ने पिछले एक डेढ़ साल में मैनपुर में 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति खरीदी है। शिकायत में गुलाम को शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर का मौसेरा भाई बताया गया था। इसी शिकायत की पुष्टि के बाद आज ED की टीम ने कार्रवाई शुरू की है। लोग बोले- शराब सिंडिकेट के पैसे का इन्वेस्टमेंट गरियाबंद में अनवर ढेबर के कारोबारी रिश्तेदार इकबाल मेमन पर यहां के लोगों ने शराब सिंडिकेट के पैसे का इन्वेस्टमेंट करने का आरोप लगाया है, इसी शिकायत के आधार पर ईडी की टीम ने दबिश दी है। अब शराब घोटाले को समझिए अनवर, त्रिपाठी और टुटेजा घोटाले के मास्टर माइंड ED के मुताबिक अनवर ढेबर ने IAS रहे अनिल टुटेजा के साथ मिलकर शराब सिंडिकेट चलाकर 2 हजार करोड़ का घोटाला किया गया। दोनों ने मिलकर पूरे घोटाले की साजिश रची। अनिल टुटेजा के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अनवर आबकारी विभाग में अपने पसंदीदा अधिकारियों को नियुक्त करता था। इस तरह वह वास्तविक रूप से आबकारी विभाग का मंत्री बन गया था। 2019 से 2022 तक चला भ्रष्टाचार ED की जांच में पता चला है कि, शराब घोटाले में भ्रष्टाचार 2019 से 2022 के बीच चला है, जिसमें कई तरीकों से भ्रष्टाचार किया गया था। 2100 करोड़ रुपए सिंडिकेट के पैसे में गए ED ने बताया कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के जेबों में 2100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध आय भरी गई। एपी त्रिपाठी और अनवर ढेबर की गिरफ्तारी से पहले रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा, कारोबारी अरविंद सिंह और त्रिलोक सिंह ढिल्लो को भी ED ने गिरफ्तार किया था। ये सभी जेल में हैं। गौरतलब है कि शराब घोटाले की चल रही जांच में ED ने पहले ही 18 चल और 161 अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है, जिनकी कीमत करीब 205 करोड़ 49 लाख रुपए है। ……………………. छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… 1. शराब घोटाला केस…टुटेजा-ढेबर फिर रायपुर जेल में होंगे शिफ्ट:छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्पेशल कोर्ट का आदेश किया निरस्त; कांकेर-अंबिकापुर जेल में हैं बंद छत्तीसगढ़ शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी को 28 अगस्त तक न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। ED की टीम ने आज दोनों को रायपुर की विशेष अदालत में पेश किया। ED ने अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी और अनिल टुटेजा को घोटाले का मास्टर माइंड बताया है। पढ़ें पूरी खबर 2. छत्तीसगढ़-झारखंड शराब घोटाला केस में ED की रेड:बार संचालक के ठिकाने पर घुसी टीम; रायपुर में रची गई थी आबकारी नीति में फेरबदल की साजिश छत्तीसगढ़ और झारखंड में शराब घोटाला मामले में ED की टीम ने एक साथ छापेमारी की है। बताया जा रहा है कि रायपुर के अशोका रतन में रहने वाले एक बार संचालक के घर पर छापा पड़ा है। सुबह-सुबह ED की टीम बार संचालक के ठिकाने पर घुसी है। पढ़ें पूरी खबर