इंदौर में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण, उनके हॉट स्पॉट चिह्नित कर एनालिसिस के आधार पर पुलिसिंग बेहतर किया जा रहा है। पुलिस कमिश्नरेट ने इसके लिए क्राइम व क्रिमिनल्स के डेटा पर आधारित साफ्टवेयर GIS BASED CRIME HOT SPOT MAPPING AND PREDICTIVE POLICING PROJECT बनाया है। शनिवार को पुलिस कमिश्नर संतोष कुमार सिंह ने इसकी शुरूआत की। इंदौर नगरीय पुलिस के सभी थाना क्षेत्रों में विगत वर्ष 2024 में हुए अपराधों का डेटा, हिस्ट्रीशीटर व निगरानी बदमाश, अपराध व घटनाओं की जगह और प्रमुख स्थानों आदि का डेटा फीड किया गया है, जिसके एनालिसिस हेतु एक साफ्टवेयर बनाया गया है। इसकी मदद से पूर्व में हुए अपराधों की जगहों व प्रकारों के आधार पर हॉट स्पाट चिह्नित किए जा सकेगें। आदतन अपराधी व बदमाश किन क्षेत्रों में व किस समय अपराध करते है, इसकी जानकारी व किसी प्रमुख समय व अवसर पर अपराधों की अधिकता रहती है आदि का विश्लेषण कर उसके आधार पर पुलिस व्यवस्था व कार्रवाई करने में भी सहायता मिलेगी। हालांकि पहले वरिष्ठ अधिकारी इस सॉफ्टवेयर को परखेंगे उसके बाद विस्तृत रूप से लागू किया जाएगा। एआई का उपयोग भी होगा
ये साफ्टवेयर अभी प्राथमिक स्तर पर है। वरिष्ठ अधिकारियों आकलन कर विभिन्न पैमानों पर साफ्टवेयर को परखेंगे। उसके आधार पर फिर इसे विस्तृत रूप से लागू किया जाएगा। इस साफ्टवेयर को भविष्य में AI का भी उपयोग किया जाएगा, जिससे भविष्य में यह भी संभावना है कि पूर्व आधारित क्राइम डोटा के आधार पर अपराध घटित होने की संभावनाओं को कम करने में सहायता मिलेगी। ये साफ्टवेयर को बनाने में निरीक्षक इंदल सिंह पण्डितिया व उनकी टीम के साथ होलकर साइंस कॉलेज के जियोलॉजिकल विभाग के प्रोफेसर शैलेष कुमार चौरे व उनकी स्टूडेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका रही।