अपराधियों को छोड़ें नहीं, अच्छे काम पर इनाम दें साइबर अपराध, मादक पदार्थ और सड़क सुरक्षा हमारे लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरे हैं। पुलिस संगठन की कार्यशैली में लगातार सुधार और उन्नयन की जरूरत है। कानून-व्यवस्था केवल अपराध नियंत्रण तक सीमित नहीं है। पुलिस की जिम्मेदारी समाज में शांति, विश्वास और सुरक्षा का भाव बनाए रखने की भी है। यह निर्देश डीजीपी कैलाश मकवाणा ने पुलिस मुख्यालय में हुई कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में दिए। मंगलवार को सुबह साढ़े 10 बजे से शुरू हुई बैठक शाम साढ़े पांच बजे तक चली। इस दौरान सभी स्पेशल डीजी, एडीजी और प्रदेश के सभी रेंज और जिलों के आला पुलिस अधिकारी शामिल हुए। विभाग प्रमुखों ने अपने-अपने जिलों, रेंज और शाखा से जुड़ी जरूरतों का ब्यौरा डीजीपी के सामने रखा। बैठक का मकसद प्रदेश की कानून-व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, स्टाफ प्रबंधन और प्रशासनिक सुधारों की गहन समीक्षा करना था। वीवीआईपी मूवमेंट पर अधिक सतर्कता जरूरी डीजीपी ने कहा कि वीवीआईपी मूवमेंट्स के दौरान पूरी सतर्कता बरतनी होगी। संवेदनशील मामलों में तुरंत निष्पक्ष कार्रवाई की दिशा में कदम उठाने की जरूरत है। साइबर अपराध, नक्सल गतिविधियों और मादक पदार्थों के नेटवर्क पर ठोस रणनीति बनाई जाए। उन्होंने अच्छे काम करने वालों की सराहना और उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को इनाम देने की सलाह दी। विभाग में 8500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सिंहस्थ 2028 जैसे बड़े आयोजन की तैयारियां अभी से शुरू करने की जरूरत है। ताकि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और यातायात नियंत्रण जैसे पहलुओं पर पहले से मजबूत रणनीति बनाई जा सके। बैठक में तय हुआ कि डायल-112, सीसीटीएनएस और जनसुनवाई पोर्टल को और ज्यादा प्रभावी बनाया जाएगा। हर थाना यह सुनिश्चित करे कि उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन हो। स्टाफ ऑडिट और स्ट्रेस मैनेजमेंट: बैठक में पुलिस बल की व्यावसायिक दक्षता बढ़ाने पर भी निर्णय हुए डीजीपी ने कहा कि स्टाफ ऑडिट की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाए। फोर्स का प्रभावी उपयोग सुनिश्चित किया जाए। सभी इकाइयों में स्ट्रेस मैनेजमेंट और माइक्रो बीट सिस्टम लागू करने के निर्देश दिए। ताकि पुलिसकर्मी मानसिक रूप से स्वस्थ रहें। इससे वे बेहतर सेवा दे सकेंगे। प्रदेश पुलिस समीक्षा बैठक की मुख्य बातें


