गर्मी छुट्टी के 2 महीने पहले से अपना कार्यक्रम तय कर चुके हजारों लोगों के मंसूबे पर रेलवे ने पानी फेर दिया है। रेलवे ने अप्रैल और मई में कई ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इनमें धनबाद-भुवनेश्वर और गोरखपुर-संबलपुर मौर्य एक्सप्रेस जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें भी शामिल हैं। यात्रियों ने बच्चों के स्कूलों में छुट्टी को देखते हुए पहले ही इन महीनों में टिकट रिजर्वेशन करा लिया था। अधिकांश रिजर्वेशन सपरिवार यात्रा के लिए कराए गए थे। ट्रेनों के रद्द होने से लोगों की परेशानी बढ़ गई। वैकल्पिक तिथियों में कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा अब वे टिकट कैंसिल करवाने को मजबूर हो गए हैं। लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उन्हें वैकल्पिक तिथियों में कंफर्म टिकट नहीं मिल पा रहा है। रेलवे ने ट्रेनों का कैंसिल होने का कारण विभिन्न मंडलों में चल रहे विकास कार्यों को बताया है। यात्रियों की परेशानी में भी रेलवे को कमाई
रद्द ट्रेनों के कारण यात्री अपना टिकट कैंसिल कराने को मजबूर हो जाते हैं। उन्हें टिकट का पूरा रिफंड मिल जाता है। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे यात्री होते हों जो एडवांस रिजर्वेशन पीरियड के तहत दो माह पहले से टिकट कटाकर रखते हैं। इन टिकटों की कीमत की राशि पर मिलने वाले इंटरेस्ट से भी रेलवे को बड़ी कमाई होती है। रेलवे ने एक आरटीआई के जवाब के जरिए कैंसिल टिकटों से हुई कमाई की जानकारी दी थी। इसके मुताबिक भारतीय रेलवे को 2021, 2022 और 2023 में सिर्फ वेटिंग लिस्ट के कैंसिल टिकटों से कुल 1,229.85 करोड़ रुपए की कमाई हुई। वहीं, 2024 में 550 लाख कैंसिल टिकटों से रेलवे को करीब 516 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। 18000 टिकट कैंसिल कराने के लिए है मजबूर
करीब 18000 लोगों ने टिकट पहले से बुक करा रखा था। ट्रेनों के रद्द होने की घोषणा के बाद इन लोगों ने अपना टिकट रद्द कराया। इनमें से करीब 4700 चार या अधिक यात्रियों वाले ग्रुप टिकट हैं। ट्रेनें रद्द करने का कारण, विकास कार्य
रेलवे द्वारा सभी ट्रेनों को रद्द करने का कारण अलग-अलग मंडलों में चल रहे विकास कार्यों को बताया है।