संजय तिवारी | अमृतसर पंजाब के थानों पर हो रहे हैंड ग्रेनेड हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार सुबह सवा 3 बजे इस्लामाबाद थाना पर हैंड ग्रेनेड फेंककर धमाका किया गया। धमाकों के पीछे विदेश में बैठे आतंकी हैप्पी पशियां और उसके 2 साथी जीवन फौजी, गोपी नवांशहरिया का नाम सामने आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 50 से ज्यादा युवाओं मॉडयूल है जो धमाका करने के लिए 36 हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिन्हें हरेक धमाके के 50 हजार रुपए मिल रहे हैं। वहीं सिटी पुलिस और एसएसओसी की टीम ने अभी तक हैप्पी पशियां के 14 गुर्गों को काबू किया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान से हैंड ग्रेनेड का बड़ी खेप देहाती बार्डर इलाकों में ड्रोन के जरिए मंगवाई गई है। बीते साढ़े 3 माह में चंडीगढ़, मानसा, अमृतसर और बटाला में 7 हैंड ग्रेनेड धमाके किए गए हैं। वहीं पुलिस ने पकड़े गए 14 आरोपियों में से 12 गुर्गों से 3 हैंड ग्रेनेड बरामद किए है। गैंगस्टर हैप्पी पशियां, जीवन फौजी, गोपी नवांशहरिया और अर्शदीप डल्ला ने अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन और अन्य जिलों में अलग-अलग गिरोह बनाए हुए हैं। सभी आरोपियों की उम्र 20 से 25 वर्ष के बीच है। रिटायर्ड एसपी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल करना आम व्यक्ति के बस की बात नहीं है। हैंड ग्रेनेड को चलाने के लिए प्रॉपर ट्रेनिंग की जरूरत होती है। धमाका करने वाले आरोपी हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल करना अच्छे तरीके से जानते हैं, क्योंकि उन्हें पहले वीडियो कॉफ्रेंस के जरिए सिखाया जाता है। इसके अलावा उन्हें सोशल मीडिया के जरिए वीडियो भी मिल जाती है, जिसमें हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल कैसे करते हैं, सारी जानकारी होती है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में रह रहे खालीस्तानी आतंकी उन्हें हैंड ग्रेनेड लाइव चलाकर दिखाते हैं। हैंड ग्रेनेड 9 प्रकार के होते हैं, जिसमें हमलावर धमाका करने के लिए 36 हैंड ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं। 36 हैंड ग्रेनेड को विखंडन ग्रेनेड भी कहा जाता है। यह जिन्दा ग्रेनेड होता है, जिसका इस्तेमाल एंटी पर्सनल वेपन के तौर पर किया जाता है। यह ग्रेनेड जानलेवा हैं। इनके फटने से 9 गज चारों तरफ नुकसान होता है। अगर कोई व्यक्ति इसकी चपेट में आता है तो जान जा सकती है। इसके धमाके की आवाज 300 मीटर तक सुनाई देती है। धमाका इतना तेज होता है कि आस-पास की बिल्डिंग तक हिल जाती हैं। इसके फटने पर करीब 10 फीट तक चिंगारी निकलती है। इन ग्रेनेड में लोहे का कवर होता है जो विस्फोट के बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाता है। ग्रेनेड के इग्निटर सेट में कैप चैंबर के ऊपर रिंग पिन लगा होता है। रिंग पिन खींचने के बाद एक साथ एक स्परिंग क्लच होता है, उसके दबाकर रखना होता है, जब तक दबा रहेगा, तब तक वह फटेगा नहीं। क्लच को छोड़ने के बाद फेंकने के लिए 4 सेकंड का समय होता है, उसके बाद फट जाता है। इसे करीब 20 से 25 गज दूर फेंकना होता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मॉडयूल के ज्यादातर गुर्गे छोटे-मोटे केसों में जेल से जमानत पर बाहर हैं, जिन्हें पैसों की लालच देकर धमाके करवाए जा रहे हैं। एक धमाका करने पर 50 हजार रुपए दिए जा रहे हैं। बरामद हैंड ग्रेनेड 36 ग्रेनेड कैटागरी का है। जांच में 2 से 3 युवकों के नाम सामने आए हैं, जिनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। पता चला है कि उनके पास भी ग्रेनेड बम हो सकते हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। जानकारी के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों ने कबूला है कि हरदोरतन बार्डर इलाके से ग्रेनेड हासिल किया था।