‘अब समय पाकिस्तान के चार टुकड़े करने का’:रिटायर्ड मेजर जनरल बख्शी बोले- बांग्लादेश पर कब्जा कर हिंदू देश बनना चाहिए

जबलपुर आए रिटायर्ड मेजर जनरल आरडी बख्शी ने कहा, ‘अब पाकिस्तान के चार टुकड़े करने का समय आ गया है। बांग्लादेश हेकड़ी दिखा रहा है। सिलीगुड़ी (बंगाल) के पास बांग्लादेश के हिस्से पर कैप्चर कर लेना चाहिए। यहां विस्थापित हिंदुओं को बसाकर हिंदू देश बनना चाहिए।’ बख्शी शहर में बुधवार को पराक्रम फाउंडेशन के कार्यक्रम में पहुंचे। फाउंडेशन की ओर से उनका सम्मान कार्यक्रम रखा गया था। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘वर्तमान स्थिति बहुत ही चुनौतीपूर्ण है। 1971 में जब हमने युद्ध किया था, दक्षिण एशिया की स्थिति का कायापलट कर दिया था। आज स्थिति दूसरी है। अमेरिका की सीआईए (केंद्रीय खुफिया एजेंसी) ने पाकिस्तान की आईएसआई (इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस) के साथ मिलकर बांग्लादेश में तख्तापलट कर दिया।’ उन्होंने कहा, ‘आज बांग्लादेश में हालात ऐसे बन गए हैं कि हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहे हैं, उनकी हत्या कर रहे हैं, महिलाओं केसाथ बलात्कार कर रहे हैं, मंदिर तोड़ रहे हैं।’ रिटायर्ड मेजर जनरल ने कहा, ‘अब तो बांग्लादेश यहां तक कह रहा है कि हम दिल्ली में आगमन करेंगे। हमारी पीढ़ी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए थे। आज की युवा पीढ़ी के लिए चुनौती का समय है। चीन, पाकिस्तान, बांग्लादेश के साथ घर के भेदियों से भी लड़ना है।’ महबूबा की बेटी को बताया सांप
बख्शी ने महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती के लिए कहा, ‘आस्तीन का सांप पूरे देश में अगर कोई जीती जागती मिसाल है, तो वह है इल्तिजा महबूबा मुफ्ती। महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाकर हमने बहुत बड़ी गलती की थी। इसका खामियाजा हम आज तक भुगत रहे हैं। वे अपने आप को बहुत बड़ा देशभक्त बताती हैं, पर इनसे बड़ा देशद्रोही देश में कोई नहीं है। बहुत ही खुशी की बात है कि कश्मीर के ही लोगों ने इन्हें इनका सही चेहरा और सत्य दिखाया।’ फौजी की पेंशन पर सरकार को तकलीफ क्यों
देश में आतंकवादी गतिविधियों, घटनाओं पर बख्शी ने कहा, ‘पहले हमने आतंकवाद की कमर तोड़ दी थी। इसके बाद लोग निश्चिंत हो गए। देश के बहुत सारे बॉर्डर से फौजें हटा भी दी गईं। जब देश के बॉर्डर में गैप खोले जाते हैं, तो दुश्मन भी देखता है कि यहां से अंदर घुसने की जगह है। इसी का आतंकवादियों ने फायदा भी उठाया है। उन्होंने कहा, ‘अब देश में एक नया विकल्प शुरू हो रहा है कि फौज में पैसा बहुत लग रहा है, इसे कम करो। सैनिकों को पेंशन देनी पड़ रही है। सिर्फ फौजी की पेंशन पर ही सरकार को आखिर क्यों तकलीफ हो रही है।’

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