अमरकंटक शिविर समर्थ गुरु धारा के साधकों ने की मां नर्मदा की महाआरती
अमरकंटक। मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में एक से छः तक समर्थ गुरु धारा मैत्री संघ छत्तीसगढ़ द्वारा आयोजित ध्यान योग शिविर के चौथे दिन मां नर्मदा मंदिर परिसर में पहुंच महाआरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में समर्थ गुरु धारा संघ के साधकों ने भक्ति भाव से मां नर्मदा जी की महाआरती की। इस अवसर पर नर्मदा मंदिर के पुजारी पंडित उमेश द्विवेदी ने वैदिक विधि विधान से मां नर्मदा का पूजन करवाया एवं आरती की पूरी प्रक्रिया संपन्न करावाई। उन्होंने आगे बताया कि आज गंगा सप्तमी की पवित्र दिन है, आज मां नर्मदा जी की महाआरती का यह कार्यक्रम संपन्न हो रहा है। बड़ा ही सौभाग्य का दिवस है। आज के दिन मां गंगा भी मां नर्मदा जी में आकर स्नान करती हैं। पंडित जी ने कहा कि यदि मां गंगा में स्नान से मुक्ति मिलती है तो मां नर्मदा के दर्शन मात्र से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो जाता है। उन्होंने परम गुरु ओशो एवं समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया जी के प्रति अहोभाव व्यक्त करते हुए गुरु महिमा के साधकों से व्यक्त करते हुए कहा कि मनमुखी व्यक्ति हमेशा दुख में जीता है और गुरुमुखी व्यक्ति सदा सुखी होता है। इस अवसर पर आचार्य दर्शन ने साधकों को बताया कि वर्ष 2017 में समर्थ गुरु सिद्धार्थ औलिया जी के अमरकंटक आगमन पर मां नर्मदा जी की महाआरती का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जो लगातार जारी है। समर्थ गुरु ने अपनी साधना के दौरान मां नर्मदा जी का साक्षात दर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त किया है। इस तपस्थली में सभी साधकों को असीम ऊर्जा मां नर्मदा जी की विशेष कृपा से मिली है, जो साधना के क्षेत्र में उनकी उत्तरोत्तर प्रगति में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने मां नर्मदा जी से सभी के मंगल की प्रार्थना की है। आचार्य दर्शन ने पंडित उमेश द्विवेदी को समर्थ गुरु द्वारा रचित श्री सिद्धार्थ रामायण की प्रति भेंट की और इस बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर आचार्य कर्नल अनुतोष, आचार्य अमरेश झा, आचार्य संतोष, आचार्य मां वंदना, आचार्य मां सीमा सहित शिविर में भाग ले रहे हैं सभी साधकगण मां नर्मदा जी की महाआरती में अपनी उपस्थित दर्ज करवाई। शांति कुटी आश्रम में 1 से 6 मई तक यह साधन शिविर प्रतिवर्ष चलता है।