अवैध फार्मा ओपिओइड नेटवर्क पर पंजाब पुलिस ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट ने ट्रामाडोल की अवैध सप्लाई चेन का भंडाफोड़ करते हुए इसे उत्तराखंड के हरिद्वार स्थित एक दवा निर्माण इकाई तक ट्रेस किया है। इस पूरे ऑपरेशन की जानकारी पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने खुद सार्वजनिक की। DGP गौरव यादव ने बताया कि यह कार्रवाई एक मामूली सी बरामदगी 35 ट्रामाडोल टैबलेट्स मिलने से शुरू हुई थी। परत-दर-परत खुलासों और ताबड़तोड़ छापेमारी के आधार पर पुलिस ने इस अवैध नेटवर्क की जड़ें हरिद्वार तक पहुंचाकर बड़ा खुलासा किया। जांच के दौरान अब तक कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें स्थानीय केमिस्ट, वितरक और ल्यूसेंट बायोटैक लिमिटेड नामक दवा कंपनी का प्लांट हेड शामिल है। सभी आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। सरकारी आपूर्ति वाली दवाएं काली मार्केट में सबसे गंभीर बात यह है कि जब्त की गई ट्रामाडोल की स्ट्रिप्स पर लिखा हुआ था:
“केवल सरकारी आपूर्ति हेतु – बिक्री के लिए नहीं”। जिससे यह स्पष्ट है कि मेडिकल स्टॉक को अवैध रूप से डायवर्ट किया जा रहा था। इससे सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। फार्मा यूनिट्स सील, रिकॉर्ड जब्त जांच में सामने आए कई फार्मा यूनिट्स ने ड्रग मैन्युफैक्चरिंग नियमों का खुला उल्लंघन किया था, जिन्हें फिलहाल सील कर दिया गया है। साथ ही उनके रिकॉर्ड को जब्त कर फॉरेंसिक और कानूनी जांच की जा रही है। DGP का सख्त संदेश DGP गौरव यादव ने कहा कि नशे के नेटवर्क को पंजाब की धरती पर किसी भी कीमत पर फलने-फूलने नहीं दिया जाएगा। चाहे वह पारंपरिक ड्रग्स हों या फार्मास्युटिकल ओपिओइड्स, पंजाब पुलिस हर एंगल से कार्रवाई कर रही है।