अमेरिका में 100 साल में सबसे ज्यादा टैरिफ:हर अमेरिकी को सालाना ₹2 लाख का नुकसान; दुनिया पर मंदी का खतरा बढ़ा

तारीख- 2 अप्रैल जगह- कैपिटल हिल, वॉशिंगटन डीसी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार विदेशी सामानों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया। इसका सीधा असर अमेरिका के शेयर बाजार पर पड़ा। डाउ जोंस, SP और नैस्डैक जैसे मार्केट इंडेक्स में 2 दिन में 10% से ज्यादा की गिरावट आई। बाजार की हालत बिगड़ती देख ट्रम्प सरकार ने टैरिफ को 90 दिनों के लिए टाल दिया। अब ट्रम्प ने एक बार फिर से 9 अगस्त से दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे अमेरिकी मार्केट को फिर नुकसान हो सकता है और दुनियाभर में मंदी आने का खतरा है। स्टोरी में जानेंगे कि ट्रम्प के टैरिफ से अमेरिका को क्या नुकसान है और कैसे दुनिया पर महामंदी का खतरा मंडरा रहा है…. हर अमेरिकी को साल में 2 लाख ज्यादा खर्च करना होगा अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के बजट लैब के अनुमान के मुताबिक अमेरिका में औसत टैरिफ रेट 18.3% हो चुका है। इससे पहले 1909 में अमेरिका में औसत टैरिफ रेट 21% था। यानी मौजूदा टैरिफ 100 साल में सबसे ज्यादा है। बढ़े हुए टैरिफ की वजह से अमेरिकी परिवारों को इस साल औसतन 2400 डॉलर (2 लाख रुपए) का एक्स्ट्रा खर्च उठाना पड़ेगा। पहले वे जो विदेशी सामान 100 डॉलर में खरीद रहे थे, अब उसके लिए उन्हें 118.3 डॉलर चुकाने होंगे। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के अर्थशास्त्री वेंडोंग झांग का कहना है कि आने वाले समय में अमेरिका में उन चीजों की कीमतें और बढ़ेंगी, जिनमें स्टील और एल्युमीनियम का इस्तेमाल होता है, जैसे रेफ्रिजरेटर या वॉशिंग मशीन। अमेरिका की GDP को 11.6 लाख करोड़ का नुकसान बजट लैब के मुताबिक टैरिफ से अमेरिका की GDP 0.5% गिर सकती है। इसका मतलब है कि अमेरिका की 28 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी को एक साल में 140 बिलियन डॉलर का नुकसान होगा। भारतीय रुपए में यह 11.6 लाख करोड़ है। टैक्स फाउंडेशन का कहना है कि टैरिफ का असर खाने-पीने की चीजों पर भी पड़ेगा। अमेरिका में केला और कॉफी पर्याप्त मात्रा में नहीं उगाई जाती है, इसलिए इनकी कीमत बढ़ेगी। मछली, बीयर और शराब पर भी महंगाई का असर पड़ेगा। चीजें ज्यादा महंगी होंगी तो लोग कम खरीदेंगे। हालांकि, ट्रम्प का दावा है कि टैरिफ से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे महंगाई बढ़ेगी और नौकरियां घटेंगी। हाल ही में जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में सिर्फ 73,000 नई नौकरियां जुड़ीं। सरकार के अनुमान के मुताबिक 1.09 लाख नई नौकरियां बढ़ने की उम्मीद थीं। मई और जून में भी नौकरियों में गिरावट आई। इससे एक तिमाही में औसतन 35,000 प्रति महीने नौकरियां जुड़ीं। यह 2010 के बाद सबसे कम आंकड़ा है। इस आंकड़े से नाराज होकर ट्रम्प ने 1 अगस्त को ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स की कमिश्नर एरिका मैकएंटरफर को नौकरी से निकाल दिया। ट्रम्प ने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में ‘राजनीतिक मकसद’ से हेराफेरी की गई थी। जवाबी टैरिफ से शुरू हो सकती है ट्रेड वॉर जब अमेरिका जैसा बड़ा देश टैरिफ लगाता है, तो दूसरे देश भी जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। इससे देशों के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो जाती है। अभी कई देश अमेरिकी सामानों पर जवाबी टैरिफ से बच रहे हैं, लेकिन वे अमेरिका पर दबाव डालने के लिए जवाबी टैरिफ लगा सकते हैं। उदाहरण के लिए 2018-19 के टैरिफ वॉर में जब ट्रम्प ने चीन पर ज्यादा टैरिफ लगाए थे, तो चीन ने भी सोयाबीन, ऑटोमोबाइल्स और कई अमेरिकी सामानों पर टैक्स लगाया था। अमेरिकी सोयाबीन की चीन में काफी खपत है। चीन के टैरिफ लगाने से सोयाबीन की कीमत 25% ज्यादा महंगी हो गई, जिससे निर्यात में 50% की गिरावट आई। इससे अमेरिकी किसानों को बहुत नुकसान हुआ था। तब किसानों की मदद के लिए अमेरिकी सरकार को सोयाबीन के किसानों के लिए 7.3 बिलियन डॉलर का राहत पैकेज जारी करना पड़ा था। दुनिया पर मंदी आने का खतरा बढ़ा डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीति के कारण दुनिया में मंदी आने का खतरा बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और आर्थिक विशेषज्ञों ने इस पर चेतावनी दी है कि अगर टैरिफ वॉर आगे बढ़ा तो वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। IMF ने 22 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा कि अगर अमेरिका और अन्य देश टैरिफ वॉर में उलझते हैं, तो वैश्विक विकास दर 2025 में 3.3% से घटकर 3.0% हो सकती है। ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट (OECD) ने 3 जून को अपनी रिपोर्ट में कहा कि ट्रम्प के टैरिफ से जुड़े फैसलों का असर न सिर्फ अमेरिका, बल्कि यूरोप और एशिया की अर्थव्यवस्थाओं पर भी पड़ेगा। इससे मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट्स में कमी आ सकती है, जिसके चलते पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में एक साथ सिंक्रोनाइज्ड स्लोडाउन (मंदी) का खतरा पैदा हो सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक मंदी का असर सबसे ज्यादा अमेरिका और फिर चीन, भारत, कनाडा, इटली और आयरलैंड पर पड़ेगा। अमेरिका की सॉफ्ट पावर का असर घटा ट्रम्प के टैरिफ का असर ये हुआ है कि अमेरिका के कई नजदीकी देश ही अब उससे नाराज हो गए हैं। कनाडा, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस जैसे देश जो अमेरिका के काफी नजदीकी हैं, अब अपने संबंधों पर फिर से विचार करने लगे हैं। ट्रम्प की टैरिफ नीतियों का असर अमेरिका के पुराने सहयोगियों और मित्र देशों के साथ संबंधों पर पड़ा है। ऐसे में उनका अमेरिका पर भरोसा घटने लगा है। कनाडा और अमेरिका के संबंध हमेशा से बेहद करीबी रहे हैं, लेकिन ट्रम्प के दौर में इनमें काफी तनाव आ गया। एशिया में भी स्थिति अलग नहीं है। जापान और साउथ कोरिया, जो सुरक्षा के लिए अमेरिका पर निर्भर हैं, अब खुद को अधिक आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि भविष्य में अमेरिका पर भरोसा करना मुश्किल हो सकता है। जापान को शुरू में उम्मीद थी कि वह ट्रम्प की मांगों को पूरा करके अमेरिका के और करीब आ सकेगा। उसने अपने रक्षा बजट में काफी बढ़ोतरी भी की थी, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने और ज्यादा मांगें रख दीं। टोक्यो ने इससे नाराज होकर जुलाई में अमेरिका और जापान के रक्षा व विदेश मंत्रियों की बैठक को ही रद्द कर दिया। हालांकि, बाद में अमेरिका और जापान ने एक व्यापार समझौते पर दस्तखत किए, लेकिन यह सिर्फ ऊपर से सामान्य स्थिति दिखाने की कोशिश है। असल में जापान अब अमेरिका पर पूरी तरह निर्भर न रहने के रास्ते तलाश रहा है, क्योंकि उसे ट्रम्प के फैसलों की अनिश्चितता का डर है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने भी अमेरिका की नई मांगों की खुलकर आलोचना की। इसके कुछ ही दिनों बाद अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने AUKUS नामक एक अहम रक्षा समझौते की समीक्षा की घोषणा कर दी, जिसे ऑस्ट्रेलिया के लिए अमेरिका की सुरक्षा गारंटी का सबसे अहम संकेत माना जाता था। अमेरिका की ‘सॉफ्ट पावर’ यानी अपने प्रभाव से दुनिया को जोड़ने की क्षमता में भी गिरावट आई है। यह गिरावट दक्षिण प्रशांत देशों में साफ दिख रही है, जहां चीन और अमेरिका में सीधी प्रतिस्पर्धा है। sources: 1. https://budgetlab.yale.edu/research/where-we-stand-fiscal-economic-and-distributional-effects-all-us-tariffs-enacted-2025-through-april 2. https://www.theguardian.com/business/2025/apr/22/imf-major-negative-shock-trump-tariffs-uk 3. https://apnews.com/article/trump-tariffs-consumers-prices-ebf959d8f8ad24bd0757d8e3693924c1 ——————————————— ट्रम्प के टैरिफ से जुड़ीं यह खबर भी पढ़ें… भारत पर टैरिफ बढ़ाकर ट्रम्प बोले-अभी बहुत कुछ बाकी है:सेकेंडरी सैंक्शन्स भी लगने वाले हैं; भारत पर कुल 50% टैरिफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर और ज्यादा प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है। उन्होंने बुधवार रात पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, अभी सिर्फ 8 घंटे ही हुए हैं। अभी तो बहुत कुछ होना बाकी है। बहुत सारे सेकेंडरी सैंक्शंस आने वाले हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…. ट्रम्प की धमकी से डरे 100 से ज्यादा देश:अमेरिका से ट्रेड डील की, भारत समेत 5 देश नहीं झुके; कैसे करेंगे पाबंदियों का मुकाबला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी संसद के जॉइंट सेशन में दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि हमारी इकोनॉमी लगातार घाटे में जा रही है। इस नुकसान से बचने के लिए हम उन सभी देशों पर टैरिफ लगाएंगे, जो हमारे सामानों पर टैरिफ लगाते हैं। स्टोरी में ट्रम्प की धमकियों के आगे झुकने वाले देशों के बारे में जानिए, उनके बारे में भी जानेंगे जिन्होंने अमेरिका के आगे सरेंडर नहीं किया, जानेंगे कि अब उनके पास विकल्प क्या हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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