राज्य की खुदरा शराब दुकानें एक सितंबर से निजी हाथों में चली जाएंगी। दुकानों की लॉटरी की प्रक्रिया उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने शुरू कर दी है। रांची में 150 शराब दुकानों के लिए लॉटरी होगी। इसमें 122 कंपोजिट और 28 देसी शराब की दुकान शामिल हैं। रांची में जिन शराब दुकानों की लॉटरी होनी है, उनमें 10 क्षेत्र की दुकानें ऐसी हैं जो प्रीमियम केटेगरी में आती हैं। इन प्रीमियम दुकानों का रेट 11 से 12 करोड़ रुपए सालाना तय किया गया है। इनमें अरगोड़ा, लालपुर, मोरहाबादी, कांके रोड, बूटी मोड़, सिंह मोड़, रातू रोड चौक, नामकुम बाजार, हरमू रोड और बुंडू की दुकानें शामिल हैं। इन दुकानों को प्रीमियम श्रेणी में इसलिए रखा गया है, क्योंकि यहां हर दिन की बिक्री 10 लाख रुपए से ऊपर है। इसलिए इन दुकानों का रेट सबसे ज्यादा रखा गया है। उत्पाद विभाग ने एक सितंबर से 31 मार्च तक 7 महीने में इन 150 दुकानों से 450 करोड़ रुपए राजस्व का लक्ष्य रखा है। थोक बिक्री व निगरानी का अधिकार जेएसबीसीएल के पास ही रहेगा एक सितंबर से लागू हो रही शराब बिक्री की नई व्यवस्था में भले ही शराब की खुदरा बिक्री निजी हाथों में होगी, लेकिन उसकी थोक बिक्री जेएसबीसीएल के अधिकार क्षेत्र में होगी। जेएसबीसीएल के गोदाम से ही निजी दुकानदार शराब खरीदेंगे। दुकानों की निगरानी भी जेएसबीसीएल करेगा। नकली शराब रोकने, अवैध शराब के कारोबार पर नकेल कसने के लिए उत्पाद विभाग व इसके अधिकारी निगरानी करेंगे। इसके लिए ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को प्रभावी बनाया जाएगा। खुदरा शराब की बिक्री कभी निजी हाथों में गई तो कभी सरकार के झारखंड में खुदरा शराब की बिक्री कभी निजी हाथों में गई तो कभी सराकर के पास रही। वर्ष 2019 से 22 तक शराब की बिक्री झारखंड में निजी हाथों में थी। उसके बाद मई 2022 में नई उत्पाद नियमावली आई। फिर शराब की बिक्री सरकार ने अपने हाथों में ले ली। 2022 से अबतक शराब की खुदरा बिक्री झारखंड बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) द्वारा संचालित हुई। एक बार फिर नई उत्पाद नियमावली आने के बाद खुदरा शराब की बिक्री एक सितंबर से झारखंड में निजी हाथों में चली जाएगी। तीन साल बाद सिंडिकेट को फिर मिलेगा शराब कारोबार का मौका तीन साल बाद शराब सिंडिकेट को कारोबार करने का मौका मिल रहा है। इसलिए झारखंड सहित मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार के शराब के बड़े शराब कारोबारी खुदरा दुकानों का ठेका लेने के लिए जुट गए हैं। ये कारोबारी उत्पाद विभाग में बने हेल्प डेस्क में आकर जानकारी ले रहे हैं। रांची के अलावा धनबाद, हजारीबाग, बोकारो, रामगढ़, जमशेदुर, चाईबासा, कोडरमा जिले के लिए लगातार इनकी क्वायरी आ रही है। वहीं बिहार से सटे इलाके के लिए वहां के बड़े कारोबारी भी जानकारी ले रहे हैं। उत्पाद भवन में खुदरा दुकानों की बंदोबस्ती के लिए चार हेल्प डेस्क बनाए गए हैं।