अलीगढ़ में नशे का कारोबार करने वाले एक तस्कर को कोर्ट ने 5 साल कैद की सजा सुनाई है। दोषी के पास से पुलिस को 9 साल पहले नशीला पाउडर डायजापाम बरामद हुआ था, जिसके बाद उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। एडीजे-8 अंजू राजपूत की कोर्ट में मामले का ट्रायल चल रहा था। इसमें पुलिस की ओर से पेश किए गए साक्ष्य और गवाहों की गवाही के आधार पर आरोपी को दोषी माना गया है। जिसके बाद कोर्ट ने दोषी को कैद और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। कोर्ट के फैसले के बाद दोषी को जेल भेज दिया गया है। 2016 में किया गया था गिरफ्तार सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रमेंद्र जैन ने बताया कि सिविल लाइंस पुलिस ने 2016 को दोषी को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने सिविल लाइंस थाना क्षेत्र निवासी मो. फरमान पुत्र मो. इमरान निवासी मेडिकल कालोनी को नशीला पाउडर डायजापाम के साथ गिरफ्तार किया था। चेकिंग के दौरान आरोपी एएमयू की ओर से आ रहा था। पुलिस को देखकर अचानक उसने रास्ता बदल दिया था और वहां से भागने लगा था। संदेह होने पर टीम ने दोषी को पकड़ा था और सख्ती से पूछने पर उसने सारी बात पुलिस को बताई थी। उसके पास से 139 ग्राम नशीला पाउडर बरामद हुआ था। FSL रिपोर्ट बनी सजा का आधार पुलिस की पूछताछ में दोषी ने बताया था कि वह रिक्शे वाले और आसपास के लोगों को नशीला पाउडर बेंचकर लाभ कमाता था। उसके पास से मिले नशीले पाउडर की लैब जांच कराई गई थी। FSL की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गई, जिसके आधार पर कोर्ट ने दोषी को सजा सुनाई है। कोर्ट में टिप्पणी की गई कि दोषी युवा पीढ़ी को खराब करने का काम कर रहा था। दोषी को 5 साल के कठोर करावास की सजा के साथ ही 20 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी दिया गया है। आर्थिक दंड अदा न करने की स्थिति में दोषी को दो महीने के साधारण कारावास की सजा और भुगतनी होगी।