अलीगढ़ में PAC जवान की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने जवान को पहले शराब पिलाई, फिर उसे नाले में धकेल दिया। मंगलवार को 8 दिन बाद जवान का शव नाले में मिला। पुलिस ने आसपास के CCTV चेक किए, जिसमें दोनों आरोपी नजर आए। इसके आधार पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। सख्ती से पूछताछ करने पर दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया। उन्होंने बताया- घटना वाले दिन शराब के ठेके पर उनकी जवान से दोस्ती हुई। हम लोगों ने साथ में शराब पी। शराब के पैसे देने को लेकर जवान से विवाद हो गया। इसके बाद हमने जवान का बैग और मोबाइल छीन लिया, फिर उसे नाले में धकेल दिया। मामला बन्नादेवी थाना क्षेत्र का है। चलिए, अब पूरा मामला पढ़ते हैं… डेढ़ साल से अलीगढ़ में तैनात था जवान
PAC कॉन्स्टेबल अमित कुमार बुलंदशहर के जसनवादी खुर्द गांव के रहने वाले थे। डेढ़ साल से अलीगढ़ की 38वीं बटालियन में तैनात थे। 18 फरवरी को 3 दिन की छुट्टी लेकर घर के लिए निकले थे। ट्रेन पकड़ने के लिए आगरा गए, लेकिन वह बुलंदशहर नहीं गए, फिर वापस अलीगढ़ आ गए। 18 फरवरी की शाम को अमित ने मथुरा के आकाश और मनोज के साथ सारसौल इलाके में शराब पी थी। इस दौरान जवान ने पत्नी को फोन किया। आरोपियों से भी पत्नी की बात करवाई। सुबह पत्नी और पिता ने अमित को कई बार फोन किया, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ था। CCTV से आरोपियों तक पहुंची पुलिस 19 फरवरी को पिता देशराज ने अलीगढ़ के बन्नादेवी थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस लगातार अमित को ढूंढ़ रही थी। 26 फरवरी की शाम को कुछ लोगों ने बाईपास के नाले में शव पड़ा देखा। पुलिस ने शव को बाहर निकाला तो पहचान अमित के रूप में हुई। इसके बाद पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी खंगालने शुरू किए। फुटेज में दो युवक अमित के साथ नजर आए। इसी आधार पर पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पिता बोले- लूट के लिए बेटे को मार डाला
अमित के पिता सेना से रिटायर हैं और अब खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि अमित तीन भाइयों में दूसरे नंबर का था। कुछ महीने पहले तक वह अपनी पत्नी के साथ अलीगढ़ में किराये के मकान में रह रहा था। इसी बीच पत्नी की तबीयत बिगड़ गई, तो अमित ने उसे गांव भेज दिया। आरोपियों की अमित से कोई जान-पहचान नहीं थी। आरोपियों ने लूट के इरादे से अमित की हत्या की है। सीओ द्वितीय राजीव द्विवेदी ने बताया कि PAC जवान को दो लोगों ने नाले में धक्का दे दिया था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से साफ होगा कि मौत नाले में डूबने से हुई या किसी अन्य चोट के कारण। ………………. ये खबर भी पढ़ें- दिल्ली-कानपुर का नकली सामान महाकुंभ में खपाया:नकली रुद्राक्ष से लेकर जूते-बैग बेचे; जाली नोट छापने वाला गैंग पकड़ाया महाकुंभ में 44 दिन में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आए। ऐसे में कई शहरों से बड़ा बाजार यहां सजा। इस बाजार में दिल्ली-कानपुर का नकली माल भी बड़े पैमाने पर खपाया गया। यहां तक कि पानी की बोतलें भी बिना कंपनी का लेबल लगाए उतार दी गईं। करोड़ों लोगों की सबसे अहम जरूरत पानी को भी ब्लैक में बेचा गया। महाकुंभ शुरू होने से पहले प्रयागराज और श्रावस्ती में नकली नोटों के गिरोह पकड़े गए थे। इन नकली नोटों को महाकुंभ में खपाने की तैयारी थी। कोलकाता से नकली रुद्राक्ष लाए गए, तो मुंबई के मार्केट से नामी कंपनियों के बैग, पर्स लाकर बेचे गए। पढ़ें पूरी खबर