मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में अवैध कोयला खनन से जुड़ी गंभीर स्थिति सामने आई है। पिछले एक साल में इस खतरनाक काम में 6 लोगों की जान जा चुकी है। हाल ही में दो मजदूरों की सुरंग में दबने से मौत हुई। इसके बावजूद ग्रामीण जान जोखिम में डालकर यह काम कर रहे हैं। खनन स्थल मुख्य मार्ग से 5 किलोमीटर दूर स्थित है। सुरंग में कई रास्ते अलग-अलग दिशाओं में जाते हैं। यहां ऑक्सीजन का स्तर बेहद कम है। मजदूर सुबह से देर रात तक काम करते हैं। चिंताजनक बात यह है कि इस काम में नाबालिग भी शामिल हैं। मौके पर कोयला लदी दो साइकिलें मिलीं। इनमें से एक चालक 9वीं कक्षा का 16 वर्षीय छात्र था। वह पुलिस में भर्ती होने का सपना देखता है। मजदूरों के अनुसार यह उनका एकमात्र रोजगार है। वे बरसात में अन्य काम करते हैं। सर्दी और गर्मी में कोयला खनन से अपनी जीविका चलाते हैं। प्रशासन की ओर से इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है। खतरों के बीच अवैध कोयले का खनन 1 – वर्ष 2023 और 24 में अब तक 6 मौत हो चुकी है, जहां 4 महिला और 2 पुरुष शामिल है। 2 – करोड़ों रुपये का कोयला खनन कर ले जा चुके हैं ग्रामीण। 3 – रोजाना साइकिल से एक मजदूर 10 बोरी लेकर जाता है जिसकी बाजार में मूल्य 600 रुपये हैं। 4- हर साल ग्रामीण होते हैं हादसे के शिकार। लगभग साल में 25 से अधिक ग्रामीण घायल हो चुके हैं। 5- वन विभाग, खनिज विभाग, स्थानीय प्रशासन, ग्राम पंचायत सभी के नजर में है यह खनन, बावजूद आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। 6- घने जंगल के बीच में यह सुरंग बहुत खतरनाक है। सुरंग के अंदर ऑक्सीजन लेवल काफी कम है। सुरंग के अंदर भूलभुलैया जैसा कई मार्ग है, जिसे मौत के सुरंग कह सकते हैं। 7- कोयला सरकार का मुख्य आय का स्रोत है। ऐसे में यहां खनन कर करोड़ों का नुकसान भी कर चुके हैं ग्रामीण।