हजारीबाग में 21 मई को नदी में तेज बहाव से अवैध खदान में डूबे तीन मजदूरों का शव सोमवार की रात बाहर निकाल लिया गया। घटना के 13वें दिन मजदूरों का शव दिखा तो ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी और खुद ही उन्हें बाहर निकाल लिया। इससे पूर्व एनडीआरएफ की टीम भी आई थी पर वह शवों की तलाश में असफल रही थी। शवों की पहचान प्रमोद शाह (45), उमेश कुमार (25) और नौशाद अंसारी (25) के रूप में की गई। एनटीपीसी के सहयोग से लगातार पंप लगाकर पानी की निकासी की वजह से शव दिखे। तीनों मजदूर नदी में बहते हुए अवैध खदान में डूब गए थे दरअसल, घटना के दिन दोपहर में तेज आंधी के साथ बारिश हुई थी। इसके बाद खावा नदी में अचानक बाढ़ आ गई और तीनों मजदूर उसमें बहते हुए अवैध खदान में डूब गए थे। इसके बाद पंप से खदान से पानी निकालने का कार्य शुरू किया गया। परिजनों ने की सरकार से नौकरी और मुआवजे की मांग केरेडारी पुलिस ने शवों को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, हजारीबाग में पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा है। मृतकों के परिजनों ने सरकार से नौकरी और मुआवजे की मांग की है। स्थानीय लोगों में प्रशासन की उदासीनता को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि सरकारी एजेंसियों के विफल होने के बाद ग्रामीणों ने अपनी जान जोखिम में डालकर यह काम पूरा किया। बताया जा रहा है कि खावा नदी में दर्जनों नए-पुराने अवैध खदान हैं। इसमें सुरंग है। तीनों पानी की धार के साथ माइंस के अंदर चले गए थे।