राजधानी रायपुर में अवैध प्लाटिंग करने वाले जमीन कारोबारियों पर निगम ने अब सख्ती करना शुरु कर दिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने कॉलोनी विकास अनुज्ञा और नगर निगम की अनुमति के प्लाट वाले तीन परिवार के 17 आरोपियों पर एफआईआर की है। आरोपियों पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी या एग्रीमेंट के जरिए बिल्डरों और दलालों से मिलीभगत कर बिना अनुमति प्लाटिंग और बिक्री करने का आरोप है। यह शिकायत सहायक अभियंता अरविंद राहुल ने गुढ़ियारी पुलिस में की है। रायपुर के गुढ़ियारी थाना में दर्ज एफआईआर के अनुसार आरोपिययों ने गुलमोहर पार्क के पीछे खसरा नंबर 844/1 रकबा 0.9054 हेक्टेयर जमीन पर बिना कॉलोनी विकास अनुज्ञा और नगर निगम की अनुमति के प्लाट बेचे है। आरोपियों ने जिन परिवारों को जमीन बेची उन्हें सड़क, नाली, बिजली जैसी सुविधाएं देने का झांसा दिया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपियों के खिलाफ केस में धोखाधड़ी का केस भी दर्ज हाे सकता है। इन आरोपियों के खिलाफ दर्ज हुआ है केस स्वामी नरेन्द्र,जय प्रकाश, अजय, रमा, ललिता, अनिता, सविता सोनकर, महेश कुमार, रवि प्रकाश, भीमा उर्फ सोहन लाल, राम दुलारे और ईश्वर कुमार, संतोषी बाई, शिवकुमार, महेंद्र साहू, शिवबाई साहू और भावाबाई साहू के खिलाफ छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292(ग) केस दर्ज हुआ है। निगम अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल पुलिस की एफआईआर में रिकॉर्ड दर्ज है, कि अवैध रुप से जमीन बेचने वाले आरोपियों के खिलाफ नायब तहसीलदार ने 10 अगस्त 2024 को निगम को पत्र लिखकर एफआईआर कराने की बात कही थी। लेकिन जोन-7 कार्यालय में फाइल पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। चर्चा है रायपुर पश्चिम विधायक के निर्देश और फटकार के बाद ये एक्शन हुआ, लेकिन नगर निगम के अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे है। आरोपियों की गिरफ्तारी होगी जल्द दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान गुढियारी थाना प्रभारी बीएल चंद्राकर ने बताया, कि आरोपियों को केस से संबंधित दस्तावेज मांगे गए है। दस्तावेजों की जांच जारी है, जल्द ही गिरफ्तारियां की जाएगी।