अवैध बालू पर हुई कार्रवाई, 18 हजार सीएफटी बालू जब्त किया

रांची के विभिन्न बालू घाटों से हो रहे अवैध बालू उत्खनन को लेकर दैनिक भास्कर में लगातार छप रही खबर के बाद जिला प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के निर्देश पर बुधवार की रात रांची जिला प्रशासन की टीम ने छापेमारी की। जिसमें एसडीओ, ग्रामीण एसपी, जिला खनन टास्क फोर्स के सदस्य और जिला खनन पदाधिकारी भी शामिल थे। टीम ने संयुक्त रूप से रातू, चान्हो, मांडर क्षेत्र में रात में निरीक्षण किया। इस दौरान 18000 सीएफटी अवैध बालू जब्त किया गया। जब्त बालू करीब 30 हाइवा है, जिसकी बाजार कीमत करीब 15 लाख रुपए है। संयुक्त दल के द्वारा लगभग 2:00 बजे रात में मांडर से प्रस्थान कर नगड़ी थाना क्षेत्र तक भ्रमण किया गया। गुप्त सूचना के आधार पर नगड़ी लोधमा रोड़ के समीप विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रुप से भंडारित बालू स्थल क्षेत्र का निरीक्षण कर उसे जब्त किया गया। जब्त बालू की निगरानी की जिम्मेदारी नगड़ी थाना को सौंपी गई है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर, राय, खलारी, छापर और पतरातू में भी अवैध बालू खनन जारी राय, खेलारी, छापर और पतरातू के तोकीसुद्ध बालू घाट से सभी जगहों से प्रतिदिन लगभग 100 हाइवा व ट्रैक्टर अवैध रूप से बालू लेकर रात में निकल रहे हैं। छापर नदी से जो बालू उठता है, वह केरेडारी थाना से गुजरते हुए बुढ़मू थाना, ठाकुरगांव, रातू, पिठौरिया व कांके थाना होते हुए रांची पहुंच रहा है। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में भी पीआईएल दर्ज है। तोरपा में छाता नदी पुल का अफसरों ने किया निरीक्षण 23 अप्रैल 22 अप्रैल 20 अप्रैल तोरपा में अवैध रूप से बालू उत्खनन कर हर दिन दर्जनों हाइवा रात में चोरी छिपे रांची पहुंचाया जा रहा है। तोरपा में अवैध बालू उत्खनन की वजह से छाता नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने की कगार पर पहुंच गया है। पुल के पांच पिलर के तल से बालू का लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने अवैध बालू उत्खनन पर रोक लगाने की कोशिश की है। इसके बाद भी माफिया चोरी छिपे रात में बालू उठाव कर रहे हैं। निरीक्षण से पहले बुधवार को एसडीएम दीपेश कुमारी ने रनिया के कोतांगेर और मेरोमबीर के घनघोर जंगल से तीन लाख सीएफटी अवैध बालू का स्टॉक जब्त किया था। ये पथ फिलहाल रांची जाने वालों के लिए पसंदीदा पथ बन गया है। अगर छापा पुल क्षतिग्रस्त हो जाता है तो खूंटी पर ट्रैफिक लोड और बढ़ जाएगा। लगभग तीन साल पहले गिडुम पुल के तीन पिलर भी अवैध बालू के कारण क्षतिग्रस्त हो चुके हैं।

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