अहंकार का त्याग करना सबसे जरूरी

जालंधर | अन्नपूर्णा मंदिर कोट किशन चंद में भक्तों की ओर से शनिवार को अन्नपूर्णा जयंती के उपलक्ष्य में भागवत सप्ताह का आयोजन किया गया। विद्वानों ने विधिवत पूजन करके कार्यक्रम की शुरूआत की। आचार्य शिव कुमार शास्त्री ने कथा के माध्यम से भक्तों को कहा कि भगवान जब कारागार में प्रकट हुए तो वासुदेव जी और देवकी ने भगवान की स्तुति की। भगवान जब बालक रूप में आ गए तो वासुदेव जी उन्हें अपने मित्र नन्द के घर छोड़कर आ गए। वहां से महामाया रूपी कन्या को लेकर आए। जब कंस को पता चला कि देवकी की आठवीं सन्तान कन्या हुई है तो वह उसे मारने में वह हिचक रहा था। चाणूर और मुष्टिक के कहने पर उसे मारा। कन्या को मारना महापाप है, जो लोग कन्या भ्रूण हत्या करते हैं। वे महापापी हैं। उन्होंने बताया कि ईश्वर ही प्रत्येक कार्य का निमित्त और उपादान है। सब कुछ ईश्वर ही करता है। मनुष्य अहंकार पूर्वक स्वयं को कर्ता मानने लगता है। मनुष्य को अपने अहंकार त्यागना चाहिए। कार्यक्रम के अंत सभी ने देवी-देवताओं की भव्य आरती के दर्शन करके आशीर्वाद प्राप्त किया। यहां डॉ. अनिल ज्योति, प्रवीण महाजन, राजेश शर्मा, विपन उप्पल, डॉ. राजेश ज्योति, राकेश वैद, अश्विनी हांडा, प्रदीप शर्मा, हितेंद्र कपूर, हरपाल सिंह, लक्की कपिला, ईश चोपड़ा, जितेंद्र शर्मा, दीपक ज्योति, पं. विष्णु प्रसाद जोशी, प्रवीण ज्योति, श्रद्धा कालिया, दर्शना रानी और अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।

FacebookMastodonEmail

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *