आज वर्ल्ड मेडिटेशन डे है। हर साल यह 21 दिसंबर को मनाया जाता है। इसे लेकर पाली के बांगड़ हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में सेमिनार हुई। इसमें डॉक्टर्स और नर्सिंगकर्मी मौजूद थे। इस दौरान पाली के हाउसिंग बोर्ड इलाके में रहने वाले होनहार भाई-बहन ने प्रतिभा का प्रदर्शन किया। पाली जिले के हरियामाली हाल हाउसिंग बोर्ड इलाके में रहने वाले 10वीं के स्टूडेंट भाई-बहन सूर्य प्रताप जेतावत और यशस्वी ने सेनिमान ने आंखों पर पट्टी बांधकर किताब पढ़ी, शब्दों-वस्तुओं की पहचान की और रंग बताए तो डॉक्टर और नर्सिंग कर्मी तालियां बजा उठे। सेमिनार में दोनों ने मेडिटेशन का महत्व बताया। सूर्य प्रताप ने बताया- हमने जोधपुर के केरू में हार्ट फुलनेस संस्था के 9 दिन के कैंप में हिस्सा लिया था। कैंप में हमने मेडिटेशन के बारे में सीखा। कई तरह की एक्सरसाइज की, इससे दिमाग का एक्टिवेशन बढ़ा। यह कोर्स करने के बाद हम दोनों जल्दी उठने लगे हैं। स्कूल जाने से पहले और रात को सोने से पहले मेडिटेशन करते हैं। यशस्वी ने बताया- मेडिटेशन के कारण पढ़ाई में पहले से ज्यादा मन लगता है। मेडिटेशन माइंडफुल टेक्नीक है। इसका अभ्यास करके मन को केंद्रित करने में मदद मिलती है। यह दिमाग को शांत करता है और नकारात्मक भावनाओं को बाहर निकालने में मदद करता है। यह मेंटल डिटॉक्स के लिए एक बहुत लाभकारी तकनीक है। मेडिटेशन का अभ्यास करने वालों को तनाव कम होता है। उनका फोकस बेहतर होता है और वे हमेशा रिलैक्स रहते है। नियमित अभ्यास करने के कई फायदे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने घोषित किया था ध्यान दिवस बता दें कि ध्यान और इसके फायदों को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित किया था। मेडिटेशन या ध्यान प्राचीन तकनीक है, जिसके जरिए भावनात्मक संतुलन बनाया जाता है और मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद मिलती है। हर साल विश्व मेडिटेशन दिवस का विषय अलग होता है। इस साल विश्व ध्यान दिवस 2024 की थीम आंतरिक शांति, वैश्विक सद्भाव है। विश्व स्वास्थ्य दिवस की स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मेडिटेशन दिवस 21 दिसंबर को घोषित किया।