लुधियाना के आत्म नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू को एसएफजे (सिख फॉर जस्टिस) के प्रमुख आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एक कथित वीडियो के जरिए सीधे तौर पर धमकी दी है। आतंकी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू ने बंदूक के बल पर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा की रक्षा की, लेकिन अब उनकी रक्षा कौन करेगा? आतंकी ने कथित वीडियो में विपक्ष के नेता विधायक प्रताप सिंह बाजवा के मामले में पंजाब में ग्रेनेड आने के दावे का भी समर्थन किया है। दैनिक भास्कर इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। पन्नू ने प्रताप बाजवा के इस दावे का समर्थन किया है कि अभी तक सिर्फ 18 ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ है। बाकी का इस्तेमाल होना बाकी है। 14 अप्रैल से डा. अंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़ने की जंग हुई है शुरू पन्नू ने कहा कि 14 अप्रैल से डा. अंबेडकर की प्रतिमाओं को तोड़ने की जंग उसने शुरू की है। पन्नू ने कहा कि जालंधर का अंबेडकर नगर खालिस्तानियों के निशाने पर है। जहां भी डा. अंबेडकर की पूजा की गई है वहां की दीवारों पर खालिस्तान के नारे लिखे गए हैं। बाजवा के बयान का आतंकी पन्नू ने किया समर्थन पन्नू ने कहा कि पंजाब में जहां दीवारों पर छापे लगाने वाले उसके लोग घूम रहे हैं वहीं धमाका करने वाले लोग भी उन्हीं के साथ-साथ चल रहे हैं। पन्नू ने कहा कि प्रताप बाजवा की बात बिल्कुल सच है कि 18 हेड ग्रेनेड चले हैं बाकी चलने बाकी है। लुधियाना में डा.अंबेडकर की प्रतिमा पर नारे लिखे जाएंगे। पन्नू ने कहा कि अब देखना बस यही है कि पहले नारे लिखे जाते है या धमाके होते है। पन्नू ने वीडियो में कहा कि दलित समाज जिस अंबेडकर को पूजता है उन्होंने भगत रवि दास जी को छोड़ कर 16 अक्तूबर 1956 को बौद्ध धर्म में शामिल हो गए थे। भगत रवि दास जी और दलित समाज को उन्होंने छोड़ दिया था। पन्नू ने विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू से वीडियो में कहा कि 29 अप्रैल तक SFJ लुधियाना सहित कई जगहों को निशाना बनाएगा। ये था पूरा मामला बता दें कि 10 अप्रैल को खालिस्तानी आतंकी पन्नू ने चेतावनी जारी कर कहा था कि पंजाब में कोई भी नेता डॉ. अंबेडकर की जयंती न मनाए। ऐसा किया तो धमाके होंगे। इसे लेकर आतंकी संगठन सिख फार जस्टिस (SJF) ने लुधियाना के गांव नसराली के मेजर हरदेव सिंह सेकेंडरी स्कूल की दीवार पर अंबेडकर विरोधी नारे भी लिखवाए थे। कौन है आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू 2020 में आतंकी घोषित हुआ पन्नू भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। पन्नू पर करीब 12 केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 12 मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर में SFJ द्वारा कई वर्षों से सोशल मीडिया पर विभिन्न अलगाववादी पोस्टों के बारे में जानकारी दी गई थी। इनमें वह आतंकियों का समर्थन करता था। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। इसके अलावा हाल ही में G20 मीटिंग के दौरान वह दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तानी नारे भी पन्नू के कहने पर ही लिखे गए थे। पन्नू सोशल मीडिया के जरिए ही युवाओं को अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें भारत के ही खिलाफ भड़का देता है।