प्रदेश में गोवंश की तस्करी के बढ़ने मामलों को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने चिंता जताई है। इसे लेकर कई संगठनों के पदाधिकारियों ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन बुलाया, जिसमें दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही महाराष्ट्र की तरह गाय को राजस्थान में भी राज्य माता का दर्जा देने की मांग की। इसे लेकर संगठनों के पदाधिकारी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से भी मुलाकात करेंगे। साथ ही सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन की राह अपनाने का ऐलान किया। राष्ट्रीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कौशिक ने गो तस्करी की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान में गो वंश की तस्करी निरंतर जारी है, क्योंकि यह सब प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। राजस्थान में भाजपा सरकार के बावजूद लगातार हो रही गो तस्करी से गोभक्तों, राष्ट्रभक्तों और सनातनियों को भारी नाराजगी है। दो दिन ही नागोर से 70 ट्रकों में करीब चार सौ गो वंश को प्रशासन द्वारा एस्कॉर्ट कर दूसरे राज्यों में ले जाया जा रहा था। प्रदेश में हटवाड़े लगाकर गोवंश को बेचा जा रहा है। परिवहन विभाग को भी एक्शन लेना चाहिए पशुओं के परिवहन की बात की जाए तो नियमानुसार एक ट्रक में 6 से ज्यादा पशु नहीं ले जाए जा सकते हैं, लेकिन उन ट्रकों में 10 से 12 गोवंश ठूंस-ठूंस कर भरा हुआ था। जिसमें कई गाय तो मर चुकी थी, कई अधमरी थी। बांसवाड़ा में मध्य प्रदेश राज्य की सीमा पर पुलिस ने अपने राज्य की सीमा में इन गाडिय़ों को प्रवेश करने से रोक दिया तो वहां जाम की स्थिति बन गई। राजस्थान में परिवहन विभाग को भी ऐसे वाहनों पर एक्शन लेना चाहिए। आंदोलन की तैयारी शुरू कौशिक ने कहा कि आज देश में गोवंश की बोली लगाई जा रही है, यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बड़े संवेदनशील व्यक्ति हैं। हम उनसे मांग करते हैं इस प्रकरण की तहकीकात कराएं। प्रशासन के जो लोग इसमें लिप्त हैं, तुरंत प्रभाव से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं करती है तो देशभर के गो भक्तों को एकत्र कर बड़ा आंदोलन चलाया जाएगा, जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। सम्मेलन में प्रकाश दास महाराज, विजय कौशिक, छगन सिंह राठौड़ आदि मौजूद रहे। गोतस्करी रोकने के लिए भारतीय गो क्रांति मंच ने बुलाई आपात बैठक राजस्थान में गो तस्करी को गोसेवी संगठनों ने आक्रोश जताया है। भारतीय गो कांति मंच शाखा राजस्थान प्रदेश ने गंभीर सवाल उठाए हैं। मंच के वैशालीनगर स्थित कार्यालय में आपात बैठक कर तस्करी प्रकरण आक्रोश प्रकट करते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई। ऐसा नहीं होने पर सभी गोसेवी संगठनों को साथ लेकर राजधानी में धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी गई। मंच के प्रदेश अध्यक्ष ताराचंद कोठारी ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा कि जानकारी में आया है कि ये गायें बलदेव मेला, मेड़ता सिटी (नागोर) से फर्जी दस्तावेजों के जरिए मंडला और खरगोन (मध्यप्रदेश) के किसानों के नाम पर खरीदी गई थीं और इन्हें महाराष्ट्र के बूचडख़ानों में भेजा जा रहा था। यह भी सुनने में आया कि तस्करों के पास देसी कट्टे, धारदार हथियार और मिर्ची पाउडर भी बरामद हुए हैं। अगर यह सभी तथ्य सही है तो बहुत गंभीर मामला है। राज्य सरकार को इसकी जांच करवानी चाहिए। ऐसी खबरों से गोसेवी संगठनों में भारी आक्रोश है। पुलिस के काफिले के साथ मिलकर गो-तस्करी के पूरे प्रकरण की केंद्रीय एजेंसी से जांच कराई जाए। जो भी दोषी मिले उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।