एजुकेशन रिपोर्टर | रांची इनोवेशन और रिसर्च को गति देने के लिए रांची यूनिवर्सिटी, रांची और आईआईटी (आईएसएम) धनबाद के बीच गुरुवार को एमओयू किया गया। इससे मल्टी इंस्टीट्यूशनल, मल्टी डिसिप्लिनरी रिसर्च और इनोवेशन के क्षेत्र में नए द्वार खुलेंगे। अनुसंधान से संबंधित प्रोजेक्ट पर कार्य करना और आसान हो जाएगा। आईआईटी धनबाद में उपलब्ध संसाधनों का उपयोग रांची यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर और फैकल्टी कर सकेंगे। वहीं, आईआईटी धनबाद के रिसर्च स्कॉलर आरयू के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। यानि एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रिसर्च एंड डेवलपमेंट प्रोग्राम पर एक-दूसरे संस्थानों के स्कॉलरों को कार्य करने का अवसर मिलेगा। रांची यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. अजीत कुमार सिन्हा और आईआईटी धनबाद के डायरेक्टर प्रो. सुकुमार मिश्रा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। मौके पर रांची यूनिवर्सिटी को टेक्निकल सपोर्ट कर रहे रिटायर्ड शिक्षक डॉ. बीके सिन्हा भी थे। रांची यूनिवर्सिटी का रिसर्च पर फोकस रांची यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा मोरहाबादी कैंपस स्थित पीजी विभागों को डिमांड के अनुसार इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध करा दिया गया। तीन-चार विषयों को छोड़ लगभग हर विषय में पर्याप्त शिक्षक भी हैं। अब रांची यूनिवर्सिटी का फोकस सबसे अधिक रिसर्च पर है। रिसर्च को गति देने के लिए आने वाले दिनों में कई कदम भी उठाए जाएंगे। यूनिवर्सिटी प्रशासन का मानना है कि निकट भविष्य में इस एमओयू का लाभ देखने को मिलेगा। बताते चलें कि आने वाले दिनों में रांची विवि में इनोवेशन सेंटर भी स्थापित किया जाना है।