विधानसभा के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को भी बालू पर सदन का माहौल गर्म रहा। भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने कहा कि राज्य में बालू का खेल निराला है। इसमें कई आईएएस और झारखंड प्रशासनिक सेवा (झाप्रसे) के अधिकारी भी शामिल हैं। इन अफसरों को नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है। ऐसे अफसरों को दंडित किया जाना चाहिए। राज्यपाल के अभिभाषण के विरोध में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जबसे बालू जिम्मेदारी झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) को मिली है, तबसे बहाना बनाकर टेंडर फाइनल नहीं होने दिया जा रहा। जेएसएमडीसी ने 2019 में टेंडर निकाला। दो साल यह ठंडे बस्ते में रहा। 2021 में इसे रद्द कर दिया गया। फिर 2021 में 150 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया कि ये ही बालू के टेंडर में हिस्सा लेंगे। पर, 2023 तक एक छटांक भी बालू नहीं दिया। 2023 में फिर टेंडर निकाला, पर वह भी फाइनल नहीं हुआ। पांच साल तक लोग बालू के लिए तरसते रहे। वहीं विधायक सीपी सिंह ने कहा कि आम लोग ब्लैक में बालू खरीद रहे हैं। लोग बिहार से आ रहे बालू खरीदकर अपना काम कर रहे हैं। अगर ब्लैक में बालू खरीदने की बात गलत निकली तो वे इस्तीफा दे देंगे।भाजपा के पांकी विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने गुरुवार को सदन में दैनिक भास्कर लहराया। बालू पर छपी खबर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में बालू ब्लैक में बेचा जा रहा है। झारखंड में 40 हजार हाइवा बालू मिलने की बात है, जबकि बिहार से 30 हजार में बालू लाया जा रहा है। सीएम हेमंत बोले… दबंगई नहीं चलेगी, विपक्ष का बालू और गिट्टी से विशेष नाता, अब ये कभी सत्ता में लौटकर नहीं आएंगे राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा-दबंगई नहीं चलेगी। हमलोग बोलने में नहीं, काम करने में विश्वास करते हैं। अभी तो शुरुआत है। अगले पांच साल ही नहीं, आगे भी आपको विपक्ष में बैठना है। विपक्ष के हर बॉल पर छक्का लगेगा। उन्होंने कहा कि बालू पर विपक्ष का आरोप निराधार है। सत्येंद्र तिवारी ने बालू का मुद्दा उठाया। इन्हें बालू की विशेष चिंता है। क्योंकि इनका बालू-गिट्टी से नाता है। सीपी सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि ये पैसे से नहीं, मुफ्त में बालू चाहते हैं। इसलिए इस्तीफे की बात कर रहे हैं। पर ये अपनी बात से कभी भी पलट जाएंगे। सीएम ने कहा, विपक्ष के षडयंत्र के आगे सरकार झुकने वाली नहीं है। अभी तो सरकार ने शुरुआत की है। विपक्ष चतुर चालाक है, भेड़िये का खाल ओढ़े हुए है। हमारी सरकार ने काम किया है, जिसका नतीजा है कि हम फिर से सत्ता में आए हैं, जबकि विपक्ष की संख्या पहले से भी कम हो गई है। विपक्ष सिर्फ गला फाड़ने में माहिर है। हमारी सरकार जात-पात और धर्म से ऊपर उठकर सभी वर्गों के लिए काम कर रही है। सीएम ने आरोप लगाया कि केंद्रीय खेल बजट की 30 प्रतिशत राशि गुजरात को दी जाती है। झारखंड को मात्र 20 करोड़ रुपए मिलते हैं। जबकि यहां के खिलाड़ी अधिक मेडल जीतते हैं। मंईयां योजना पर उन्होंने कहा कि हम तो नवंबर में सत्ता में आए हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में अब तक महिलाओं को पैसे क्यों नहीं मिले। आखिर इस पर कोई जवाब क्यों नहीं दे रहा। विपक्ष निकम्मा हो गया है। निकम्मा कहने पर विपक्षी विधायकों ने विरोध और नारेबाजी की। वेल में आए, फिर भाजपा विधायकों ने वॉक आउट कर दिया। रिम्स पर बोझ करेंगे कम, एक और मेडिकल कॉलेज बनाएंगे: मुख्यमंत्री ने कहा कि वे रिम्स पर बोझ कम करेंगे। राजधानी में एक और मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी। जमीन तलाशी जा रही है। देश का पहला राज्य झारखंड है, जहां मरीजों के लिए एयर एंबुलेंस की व्यवस्था है। होली से पहले मिलेगी मंईयां सम्मान योजना की राशि रांची | मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की राशि का इंतजार कर रही महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। सरकार 15 मार्च यानी होली तक खाते में जनवरी-फरवरी के 5000 रु. भेज देगी। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने गुरुवार को बजट सत्र के दौरान सदन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पैसा जिलों में भेजा जा रहा है। सदन में विधायक सीपी सिंह ने कहा था कि महिलाओं को दिसंबर तक का पैसा मिला है। दोनों महीने की राशि एक साथ दी जाए। मंत्री बोले कि पैसा 15 तक मिल जाएगा। सीपी सिंह ने कहा कि यदि देना है तो होली के पहले दें। ऐसा लगता है कि सरकार महिलाओं को ईद में पैसा देगी। इसके बाद कल्याण मंत्री ने होली के पहले पैसा देने की बात कही।