आई लव मोहम्मद विवाद के बीच जालंधर की मानव अधिकार परिषद की चेयरपर्सन और हिंदू नेता आरती राजपूत आज (7 अक्टूबर) कमिश्नर दफ्तर में मेमोरेंडम देने पहुंचीं। उन्होंने कहा कि जालंधर में ये विवाद बंद होना चाहिए।
हर रोज सोशल मीडिया पर एक पक्ष चैलेंज कर रहा है। कहा जा रहा है कि अगर तुम 100 हो तो हम हजार हैं। इसका क्या मतलब। ये भड़काऊ बयान हैं। आरती राजपूत ने कहा कि पुलिस से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। जो संगठन धरना दे रहा था या मेमोरेंडम सौंपने निकला था, वही लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करवाने के लिए जिम्मेदार था। इसका कोई मतलब नहीं है कि जय श्रीराम का नारा लगाने वाले पर हमला कर दिया जाए। जय श्री राम कहना कैसे प्रोवोग (उकसाना) हो सकता है। हमारे पास अभी तक बाई नेम पर्चे वाली कॉपी भी नहीं मिली है। पुलिस से मिलकर सोशल मीडिया पर छिड़े इस युद्ध को बंद करवाने की भी अपील की जाएगी। मेमोरेंडम देने पहुंचीं आरती ने कहीं ये बातें लड़ाई सड़क से सोशल मीडिया पर पहुंच गई है हिंदू नेता आरती राजपूत ने कहा कि जय श्री राम का मुद्दा इतना गर्म हो गया कि अब तो ये लड़ाई सड़क से सोशल मीडिया पर शुरू हो गई है। आज हम इस मामले को लेकर सीपी मैडम से मिलने आए थे, लेकिन वो नहीं मिले। हमारी डीसीपी डोगरा से बात हुई है, अब उनको मांग पत्र सौंपेंगे। भारत लोकतांत्रिक देश है। यह कहां लिखा है कि जय श्री राम नहीं बोल सकते। उस आदमी ने क्या क्राइम किया है कि उसको मारने के लिए आ गए। जालंधर में न बीजेपी की सरकार, न मंत्री तो धरने का क्या मतलब उन्होंने कहा कि दूसरा पक्ष कह रहा है कि ये बीजेपी का स्टंट है। ऐसे वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहे हैं कि पुलिस 200 लोगों के दबाव में केस कर रही है। हम किसी से डरते हैं।जालंधर में प्रदर्शन का क्या मतलब है। जालंधर में न बीजेपी की सरकार है और न कुछ और। यहां प्रदर्शन करने का कोई मतलब ही नहीं था। सड़क पर कोई भी जय श्री राम का नारा लगा सकता है। कानून में यह कहां राइट है कि किसी को मारने के दौड़ पड़ो। जिस संगठन के बैनर तले ये कार्यक्रम हो रहा था, जिम्मेदार उनकी है। संगठन के बैनर तले उनकी जिम्मेदारी थी कि लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन रहे। हमारे पर ऐसी कोई FIR की कॉपी नहीं आई जिसमें आरोपियों का नाम हो। इसलिए हम पुलिस के पास आए हैं कि बनती कार्रवाई की जाए और उन पर FIR की जाए। मारपीट करने वाले संगठन की जांच हो आरती ने कहा कि जो संगठन 1 अक्टूबर को मेमोरेंडम देने आया था, उसकी जांच होनी चाहिए। अयूब खान सोशल मीडिया पर ऐसे बयान दे रहा है जिससे भावनाएं आहत हो रही हैं। ये कहना गलत है कि अगर तुम 100 हो तो हम हजार हैं। ये जो सोशल मीडिया पर रोज चैलेंज किया जा रहा है, इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। हम पुलिस से भी यही मांग करेंगे।