आतंकी हमलों पर जावेद अख्तर ने पाकिस्तान को लताड़ा:बोले- बार-बार हमलों से पल्ला झाड़ता है पाक, फिर ये आतंकी आते कहां से हैं?

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है। बॉलीवुड की कई प्रमुख हस्तियों ने इस हमले पर नाराजगी जाहिर की है। इसी बीच दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने इस तरह के हमलों की बार-बार हो रही घटनाओं की कड़ी निंदा की और भारत सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग की। दिल्ली में फिक्की के एक कार्यक्रम में जावेद अख्तर शामिल हुए थे। इस दौरान जब पहलगाम हमले को लेकर उनसे सवाल किया गया, तो उन्होंने पाकिस्तान के बार-बार ऐसे हमलों से पल्ला झाड़ने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। जावेद अख्तर ने कहा, ‘आतंकवादी आखिर आते कहां से हैं? ये कोई जर्मनी से तो नहीं आते। हम उनकी सीमाओं से जुड़े हुए हैं और यह बात नजरअंदाज नहीं की जा सकती। पहलगाम की घटना एक अहम मोड़ होनी चाहिए। जब इस तरह की घटनाएं बार-बार होती हैं, तो तनाव तो लाजमी है। लगभग हर कुछ दिनों में या फिर हर साल में कोई न कोई ऐसी दुखद घटना सामने आती है।’ जावेद अख्तर ने कहा कि भारत में सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा, सभी की मंशा हमेशा से शांति स्थापित करने की ही रही है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण देते हुए कहा कि वाजपेयी जी तो खुद पाकिस्तान गए थे, दोस्ती का हाथ बढ़ाया था, लेकिन बदले में पाकिस्तान ने क्या किया? उन्होंने उसी जमीन को धो डाला, जहां हमारे प्रधानमंत्री ने कदम रखा था। क्या इसे दोस्ती कहते हैं? जावेद अख्तर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि पाकिस्तान से संवाद कैसे संभव है, जब उसने कारगिल युद्ध के दौरान अपने ही सैनिकों के शव लेने से इनकार कर दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि आज भी जम्मू-कश्मीर के 99 प्रतिशत लोग भारत के प्रति वफादार हैं। हाल ही में मसूरी में कश्मीरी शॉल विक्रेताओं पर हुए हमले का जिक्र करते हुए अख्तर ने इस घटना पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि जब कश्मीरी नागरिकों को भारत के अलग-अलग हिस्सों में निशाना बनाया जाता है, तो यह न सिर्फ निंदनीय है, बल्कि ऐसा करके आप अनजाने में पाकिस्तान के झूठे प्रचार को बल दे रहे होते हैं। पाकिस्तानी कलाकारों के बैन से सहमत जावेद अख्तर जावेद अख्तर ने हाल ही में पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन पर साफ कहा था कि जो कुछ भी मौजूदा समय में हुआ उसके बाद ये सवाल ही नहीं किए जाने चाहिए कि क्या उन्हें बैन करना ठीक है या नहीं। क्योंकि अब पाकिस्तान के लिए फ्रैंडली फीलिंग पूरी तरह खत्म हो चुकी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि पाकिस्तानी कलाकारों को भारत में काम करने का मौका देना पूरी तरह से एकतरफा है क्योंकि पाकिस्तान में आज तक लता मंगेशकर की एक परफॉर्मेंस तक नहीं होने दी गई है। उन्होंने इस एकतरफा काम करने के तरीके का पूरी तरह खंडन किया है। पूरी खबर पढ़ें..

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