आयुर्वेद विभाग में अब दवाओं का दायरा बढ़ेगा, अब 80 की जगह 150 प्रकार की दवाइयां मिलेंगी

आयुर्वेद विभाग प्रदेश के सभी चिकित्सालयों, औषधालयों में इसी माह प्रकृति परीक्षण पद्धति शुरू करने जा रहा है। इसमें चिकित्सक, स्टूडेंट अस्पताल में आने वाले व्यक्ति को आमने-सामने या फोन एप के जरिए शरीर की प्रकृति का परीक्षण करवा सकेंगे। 22 प्रश्न पूछे जाएंगे। इनके जवाबों से ही तय होगा कि शरीर की प्रकृति क्या है। चिकित्सक जान लेंगे कि शरीर की मांग क्या है, व्यक्ति को क्या खाना चाहिए, किस बीमारी की दवा लेनी चाहिए, शरीर की स्थिति क्या है। अधिकारियों ने बताया कि एनसीआईएन ने पूरा प्रोजेक्ट तैयार किया। एक माह में इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य रखा है। प्रदेश को 10 लाख का लक्ष्य मिला है। हर अस्पताल के चिकित्सक को प्रतिदिन 10-10 लोगों को जोड़ने का लक्ष्य दिया है। आयुर्वेद विभाग 25 दिसंबर के बाद योजना को प्रदेश के सभी आयुर्वेद अस्पतालों व औषधालयों में लागू करेगा। इसमें व्यक्ति को सिटीजन व चिकित्सक को वॉलेंटियर नाम दिया है। भास्कर संवाददाता | चित्तौड़गढ़ आयुर्वेद अस्पतालों में निशुल्क दवाओंे का दायरा बढेगा। अब 150 प्रकार की दवाइयां मिलेगी। इसके अलावा भी आयुर्वेद विभाग में सुविधाओं का दायरा भी बढ़ेगा। यह बात जिला किसान सम्मेलन के तहत विविध विभागों की प्रदर्शनी के दौरान आयुर्वेद विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए अधिकारियों से चर्चा के दौरान उप मुख्यमंत्री डा प्रेमचंद बैरवा ने कही। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद पद्धति को बढ़ावा देने के लिए सरकार कटिबद्ध हैं। आयुर्वेद अस्पतालों में दवाओं की पूर्ति सुनिश्चित करने पर आयुर्वेद विभाग का भी विशेष फोकस हैं। पहले आयुर्वेद औषधालयों में 80 प्रकार की दवाइयां मिलती थीं, अब इसका दायरा बढ़ाते हुए 150 कर दिया। इसमें कई जटिल रोगों के निदान संबंधी दवाइयां भी शामिल की हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 740 पदों पर कंपाउंडर, जूनियर नर्स की वैकेंसी निकाली है। आवेदन का प्रोसेस जल्द शुरू होगा। आयुर्वेद विभाग के स्टाफ ने भगवान धन्वतरी की तस्वीर भेंट कर उप मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, जिला प्रमुख भूपेंद्र सिंह, भूमि विकास बैंक के चेयरमैन बद्रीलाल जाट, जिलाध्यक्ष मीठूलाल जाट, आयुर्वेद विभाग के संयुक्त निदेशक डा वीरेंद्र कुमार, सहायक निदेशक डा लवकुश पाराशर, डा तरुण कुमार प्रमाणिक, डा विनोद गंधर्व सहित मौजूद थे। उल्लेखनीय है कि दवाओं का दायरा बढ़ने से जिले के 119 औषधालयों में दवाओं की कमी नहीं रहेगी।

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