भास्कर न्यूज | दंतेवाड़ा राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष गिरधारी नायक ने जिले में संचालित शासकीय बालक संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया गया। इस संस्था में कुल 11 बच्चे उपस्थित थे, उन्होंने संस्था में बच्चों से चर्चा कर उन्हें मिल रही सुविधा, बच्चों के प्रकरण, केस के संबंध में जानकारी ली। बच्चों को अपराध के रास्ते को छोड़ अच्छी शिक्षा प्राप्त करने, नियमित विद्यालय जाने की सलाह दी। संस्था के निरीक्षण के दौरान किचन में बच्चों के लिए बन रहे भोजन का निरीक्षण किया। इसके साथ ही जिला जेल दंतेवाड़ा का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बंदी बैरकों, पाकशाला, स्नानागार, शौचालयों का अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान बंदी बैरकों में जाकर बंदियों से व्यवस्था की जानकारी ली तथा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे भोजन, स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षण, आजीविका कौशल विकास प्रशिक्षण, बंदियों के प्रकरणों के संबंध में जानकारी, बंदियों से उनकी समस्याओं के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। आयोग के अध्यक्ष ने जिला प्रशासन के सहयोग से बंदियों को प्रदाय किये जा रहे आजीविका कौशल विकास प्रशिक्षण एवं डिजीटल साक्षरता प्रशिक्षण कार्य को सराहा एवं जेल में परिरुद्ध बंदियों को मुख्यधारा से पुनः जोड़ने हेतु एक अच्छी पहल बताया। उन्होंने इलाज के लिए किये जा रहे व्यवस्था, जेल में आत्महत्या के प्रकरणों के संबंध में, नक्सली प्रकरणों में परिरुद्ध बंदियों एवं उनकी रिहाई के संबंध में जानकारी प्राप्त की। इसके अलावा सिटी कोतवाली का भी अवलोकन किया और वहां की व्यवस्थाओं को देखा। नायक ने जिला हास्पिटल में ओपीडी, हमर लैब, ब्लड बैंक, शव विच्छेदन गृह, रसोई कक्ष का निरीक्षण किया एवं संतुष्टि जाहिर की। निरीक्षण के दौरान मां दंतेश्वरी समन्वय समिति द्वारा संचालित समाज कल्याण विभाग से अनुदान प्राप्त वृद्धाश्रम हारम का आकस्मिक निरीक्षण किया। जिसमें कुल 10 वृद्धजन जिसमें 6 महिला एवं 4 पुरुष हितग्राही हैं। यहां शयनकक्ष, रसोई कक्ष का अवलोकन तथा हितग्राहियों से वृद्धाश्रम आने का कारण सहित रहने और भोजन व्यवस्था की जानकारी प्राप्त की एवं साफ सफाई और व्यवस्था से खुशी जाहिर की। दिव्यांग बच्चों के लिए जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध सुविधाओं का बारीकी से अवलोकन कर बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए संस्था में किये जा रहे शैक्षिक एवं गैर शैक्षिक क्रियाकलापों की सराहना भी की। कई और जानकारियां लीं।