इंदौर में महाकाल लोक की तर्ज पर बनेगा रणजीत लोक:6 करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च, सिंहस्थ के पहले बनकर तैयार होगा, पत्थर के लिए ढूंढ रहे दानदाता

इंदौर का 150 साल पुराना रणजीत हनुमान मंदिर अब उज्जैन के महाकाल लोक की तर्ज पर विकसित होने जा रहा है। इसमें 6 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे। जबकि मंदिर में लगने वाले पत्थर पर भी लगभग इतनी ही राशि खर्च होगी। मंदिर का विकास काम शुरू हो गया है। सबसे पहले बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है। अलग-अलग चरणों में यहां निर्माण और विकास काम होंगे। मंदिर उज्जैन में 2028 में लगने वाले सिंहस्थ के पहले नए स्वरूप में आ जाएगा। बता दें, मंदिर में हर साल पौष माह में विशेष आयोजन होते हैं। इस बार भी मंदिर में चार दिवसीय आयोजन 9 दिसंबर से शुरू हो चुके हैं। 12 दिसंबर को यहां स्वर्ण रथ में प्रभात फेरी निकाली जाएगी। वहीं, सवा लाख रक्षा सूत्र वितरित करेंगे।​ तस्वीरों में देखिए कैसा बनेगा रणजीत लोक इंदौर स्मार्ट सिटी के पास जिम्मेदारी
मंदिर प्रशासक एनएस राजपूत ने बताया- रणजीत लोक निर्माण की जिम्मेदारी नोडल एजेंसी इंदौर स्मार्ट सिटी को दी गई है। इसके लिए मंदिर के फंड और दान की राशि का उपयोग किया जाएगा। परिसर में पुलिस चौकी, बेबी फीडिंग रूम बनेगा
रणजीत लोक की छत पर भी कशीदाकारी की जाएगी। बाउंड्रीवॉल पर रंगबिरंगी लाइटिंग लगेगी। यहां भी सुंदरकांड का चित्रण होगा। मंदिर का एक्सटेंशन 40 फीट आगे तक होगा। नया मुख्य द्वार बनेगा। शेड तैयार किए जाएंगे।मंदिर परिसर में ही पुलिस चौकी बनाई जाएगी। नया जूता स्टैंड, पेय जल की व्यवस्था की जाएगी। बेबी फीडिंग रूम और बुजुर्गों के लिए अन्य सुविधाएं जुटाई जाएंगी। 1960 में गर्डर-फर्शी से पक्का बनाया, 1992 में छत डाली
मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास के परदादा पं. भोलाराम व्यास इस मंदिर के संस्थापक पुजारी थे। उनकी पांचवीं पीढ़ी मंदिर में पूजा-अर्चना कर रही है। पं. व्यास ने कहा- शुरुआत में बाबा रणजीत टीन से बने शेड में विराजमान थे। 1960 में गार्डर-फर्शी से पक्का निर्माण किया गया। 1992 में आरसीसी छत डाली गई। हर साल इसलिए निकलती है प्रभात फेरी
पुजारी पं. दीपेश व्यास का कहना है कि सीताजी के हरण के बाद वानर राज सुग्रीव के आदेश पर वानर सेना उनका पता लगाने गई थी। हनुमान जी उनका पता लगाकर लौटे थे। यह खबर जब भगवान राम ने सुनी तो उन्होंने कहा कि हनुमान तुम रण को जीतकर आए हो। लंका को जलाकर आए हो इसलिए आज से मैं तुम्हें रणजीत नाम प्रदान करता हूं। इसके बाद वहां लाखों वानरों ने हनुमान जी को कंधे पर बैठाकर पूरे जंगल में परिभ्रमण कराया था। इसी के प्रतीकात्मक स्वरूप पौष अष्टमी पर यह यात्रा निकलती है। मंदिर के पुजारी पं. दीपेश व्यास ने कहा- रणजीत हनुमान मंदिर 135 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां इंदौर ही नहीं, आस-पास के जिलों से भी श्रद्धालु आते हैं। मंगलवार और शनिवार को यहां भक्तों की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। आज भजन संध्या, 51 हजार दीये जलाकर मनेगी दिवाली
चार दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन आज यानी बुधवार को भजन संध्या का आयोजन होगा। भजन संध्या में कई प्रसिद्ध भजन गायक अपनी प्रस्तुतियां देंगे। इससे पहले दीपोत्सव मनाया जाएगा। इसमें मंदिर परिसर को शाम 7 बजे 51 हजार दीयों से रोशन किया जाएगा। चार दिन ऐसे होंगे कार्यक्रम…

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