इटरनेशनल मैराथन से इंडिया का धावक बाड़मेर पहुंचने पर स्वागत:40 की उम्र 100KM दौड़, बोले-जुनून के आगे सब बाधाएं कुछ फेल

विश्व चैपिंयन मैराथन में इंडियन टीम का हिस्सा रहे बायतु निवासी गोरखाराम का बाड़मेर पहुंचने पर स्वागत किया। रविवार को शहीद सर्किल पर वीर शहीदों को पुष्प अर्पित कर सैल्यूट किया गया। बैगलुरु में आयोजित मैराथन में एयरफोर्स से रिटायर्ड ने 100 किलोमीटर की दौड़ को लगातार 11 घंटे में पूरी की। इसमें 43 देशों की टीमों ने भाग लिया। इसमें भारतीय टीम का सातवां स्थान हासिल किया। राजस्थान से दो धावक शामिल हुए। गोरखाराम का कहना है कि जुनून में उम्र आड़े नहीं आती है। उम्र मेरी भले ही 40 साल है लेकिन मैंने 100 किलोमीटर की दौड़ करीब 11 घंट में पूरी की। सपना पूरा करने का जुनून हो तो कोई आड़े नहीं आती है। दरअसल, रविवार को बाड़मेर पहुंचने पर उनके स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। इस दौरान रिटायर्ड कैप्टन हीरसिंह भाटी, सहित जिले के युवा पहुंचे। शहीद सर्किल पर पहुंचने पर गोरखाराम ने शहीदों को पुष्प अर्पित किए। इसके बाद गोरखाराम का लोगों ने साफा और माला पहनाकर स्वागत किया गया। धावक गोरखाराम का कहना है कि 7 दिसंबर को बेंगलोर के जीके , वीके एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में आयोजित विश्व चैंपियन मैराथन का आयोजन हुआ। इसमें 43 देशों की टीमों ने भाग लिया। इसमें इंडिया का सातवां नंबर लगा। राजस्थान से गोरखाराम व जयपुर के अमरसिंह को भारत की टीम में मौका मिला। जिससे भारतीय टीम ने 7वां स्थान हासिल किया। इस दौरान उन्होंने युवाओं से नशे को त्याग कर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए खेलों की तरफ बढ़ने की अपील की। गोरखाराम का कहना है कि खेल मेरे बचपन में था। इसी जुनून को लेकर साल 2014 में इस मुकाम पर पहुंचा। मेरा सपना था कि मेरे पीठ और सीने पर इंडिया और तिरंगा लिखा हुआ हो। युवाओं से अपील है कि नशे से दूर रहे ओर खेलों के अंदर वर्ल्ड स्तर तक पहुंचे। इसमें 43 देशों के 300 धावकों ने भाग लिया बेंगलोर में आयोजित विश्व अल्ट्रा मैराथन वर्ल्ड चैपिंयनशिप 100 किमी प्रतियोगिता में सेवानियाला गांव निवासी रिटायर्ड वायु सैनिक गोरखाराम बेनीवाल भारत का नेतृत्व किया। दुनिया की सबसे मुश्किल अल्ट्रा मैराथन की इस प्रतियोगिता में 43 देशों के 300 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। इसमें भारत से 8 पुरूष और 3 महिलाएं हिस्सा लिया। गोरखाराम बेनीवाल की ये पहली इंटरनेशनल दौड़ थी। बेनीवाल इससे पहले भी कई नेशनल दौड़ में प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके है। 2023 में ओपन एशिया ओसियाना में हासिल की रजत गौरतलब है कि गोरखा राम इससे पहले भारतीय वायुसेना में रहते हुए चार बार मैराथन में चैंपियन रहे है। साल 2023 में ओपन एशिया ओसियाना प्रतियोगिता में 100 किमी में रजत पदक हासिल किया था । साथ ही 31 जनवरी 2024 को सेवानिवृत होने के बाद वे वर्तमान में अपने गाँव के खिलाडियों को विभिन्न खेलों में ट्रेनिंग दे रहे है।

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