इलाज नहीं, अब सेहत पर रहेगा जोर:छापड़ा, बीलवा सहित 5 गांव बनेंगे ‘आयुषमान आदर्श ग्राम’, हर गांव को मिलेंगे 11 लाख प्रोत्साहन राशि

जिले के 5 गांवों छापड़ा, बीलवा, ईमोली खुर्द, भाटीवाड़, और उदावास को ‘आयुषमान आदर्श ग्राम’ योजना के तहत चुना गया है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है जिसके तहत इन गांवों में अब उपचार (Treatment) के बजाय अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। आयुर्वेद विभाग का मुख्य उद्देश्य यहां के निवासियों की दिनचर्या, खान-पान और रहन-सहन को इस प्रकार बेहतर बनाना है कि वे बीमार ही न पड़ें। 11 लाख की प्रोत्साहन राशि और स्वास्थ्य पर उपयोग आयुर्वेद विभाग के उप निदेशक डॉ. जितेंद्र स्वामी ने बताया कि योजना के तय मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले प्रत्येक गांव को विभाग की ओर से ग्यारह लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस राशि का उपयोग भी विशेष रूप से गांव के स्वास्थ्य और कल्याण से संबंधित गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। इन मुख्य बिंदुओं पर रहेगा फोकस ‘आयुषमान आदर्श ग्राम’ योजना के तहत इन 5 गांवों निम्नलिखित स्वास्थ्य और कल्याण गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य :- प्रकृति प्रशिक्षण, महिलाओं की रक्तअल्पता जांच, संपूर्ण टीकाकरण, प्रसूतिपूर्व देखभाल, और संस्थागत प्रसव। जीवनशैली एवं रोग नियंत्रण :- रक्ताचाप व मधुमेह की स्क्रीनिंग, तंबाकू मुक्त गांव बनाना, टी.बी. मुक्त ग्राम का लक्ष्य, और यौगिक क्रिया की शत प्रतिशत जांच व उपचार। आयुर्वेदिक जागरूकता :- औषधीय पादपों (Medicinal Plants) के प्रति जागरूकता, ऋतुचर्या (Seasonal Regimen) की पालना, और दिनचर्या के प्रति जागरूकता। बुजुर्गों की देखभाल :- वरिष्ठ नागरिकों की विशेष देखभाल और सहायता सुनिश्चित करना। प्रबंधन:- स्वास्थ्य प्रबंधन (Health Management) की शत प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित करना।

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