उमरिया में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की ओर से बनाई गई सड़क पर गुणवत्ता में लापरवाही के आरोप लगे हैं। चंदिया-खितौली से अतरिया तक लगभग 3 किलोमीटर लंबा यह रास्ता मात्र एक साल में ही उखड़ गया है, जिससे जगह-जगह गिट्टी दिखाई देने लगी है। यह स्थिति मध्य प्रदेश सरकार की गुणवत्तापूर्ण निर्माण की मंशा के विपरीत है। सड़क खराब होने से ग्रामीणों को आवाजाही में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग जल्द से जल्द इसके सुधार की मांग कर रहे हैं। यह सड़क साल 2024 में टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से ठेकेदार ने बनवाई गई थी। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में सड़क निर्माण को पहले से ही चुनौतीपूर्ण माना जाता है। ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग पर बनी यह सड़क एक साल भी नहीं टिक पाई। नई सड़क भी टूटने लगी, निर्माण गुणवत्ता पर सवाल इस रास्तों पर वाहनों का आवाजाही नहीं होता, केवल पैदल यात्री, बाइक, कार और ट्रैक्टर चलते हैं, फिर भी सड़क का टूटना निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। ग्रामीणों के अनुसार, लगभग 50 वर्ष पहले यहां एक सड़क बनी थी, जो बाद में पूरी तरह खराब हो गई थी। नई सड़क बनने से लोगों को राहत की उम्मीद थी, लेकिन पीडब्ल्यूडी की कथित लापरवाही के कारण यह उम्मीद टूट गई है। सड़क से आने-जाने वाले ग्रामीण दुर्गा ने बताया कि सड़क के कई हिस्सों में गिट्टी दिखाई देती है। इससे आवाजाही में परेशानी होती है और साइकिल और दोपहिया वाहन चालक गिर भी जाते हैं। सड़क की शुरुआत में लगा जानकारी बोर्ड भी सवालों के घेरे में है। इस बोर्ड पर न तो निर्माण वर्ष का उल्लेख है और न ही सड़क निर्माण पर खर्च हुई राशि दर्ज है। यह नियमों के खिलाफ है और पारदर्शिता पर संदेह पैदा करता है। यह मामला सामने आने के बाद अपर कलेक्टर पी के सेन गुप्ता ने लोक निर्माण विभाग को तुरंत जांच करवाने, जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई करने और वस्तुस्थिति की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


