एंटोफागस्टा ऐप से 20 लाख ठगे, एक आरोपी गिरफ्तार:बलरामपुर में आम जनता से लेकर सरकारी कर्मचारी तक हुए शिकार, बाकी आरोपी फरार

बलरामपुर जिले में एंटोफागस्टा ऐप लॉन्च कर लोगों से लाखों रुपए ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने महाराष्ट्र के नागपुर से गिरफ्तार किया है। कंपनी ने कम समय में अधिक रिटर्न देने का झांसा देकर सरकारी कर्मचारियों से लेकर किसान और युवाओं से ठगी की। गिरोह के बाकी सदस्य फरार हैं। जानकारी के मुताबिक, एंटोफागस्टा ऐप के प्रमोटरों और संचालकों ने मार्च 2024 से सितंबर 2024 के बीच अधिक रिटर्न का झांसा देकर लोगों को ऐप के माध्यम से सदस्य बनाया। निवेश किए पैसों पर रिटर्न देना भी शुरू किया। लालच में आकर सरकारी कर्मचारियों से लेकर दुकानदारों और किसानों ने लाखों रुपए निवेश कर दिया। लाखों की ठगी की दर्ज कराई रिपोर्ट जब कंपनी के अकाउंट से बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होना बंद हो गया तो लोगों को शक हुआ। ठगी के शिकार हुए लोगों को कंपनी के अधिकारी वॉट्सऐप कॉल कर अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करते थे। कंपनी के ऐप में रुपए निवेश करने वालों को ऐप का लॉक खुलवाने के नाम पर और पैसे निवेश कराए गए। मामले की शिकायत निवेशकों से चलगली थाने में की थी। शिकायतकर्ताओं ने कुल 20 लाख 81 हजार रुपए की ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। ठगी के शिकार कुछ लोगों ने ही शिकायत दर्ज कराई, जबकि अन्य कई लोगों ने शिकायत ही नहीं की। गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार, बाकी फरार इस मामले की विवेचना के दौरान पुलिस ने गिरोह के सदस्य परितोश मन्ना (42), निवासी कोलाघाट, पूर्व मेंदनीपुर, पश्चिम बंगाल को हिरासत में लिया। वो नागपुर में किराए का मकान लेकर रह रहा था। पूछताछ में आरोपी ने घटना में शामिल होना स्वीकार किया। आरोपी ने परितोष कंस्ट्रक्शन फर्म नाम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, पंजाब एण्ड सिंध बैंक और आई.डी.बी.आई बैंक में खाते खुलवाए थे। जिनमें ग्रामीणों से की गई ठगी के पैसे जमा हुए। बाकी आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस बलरामपुर एएसपी विश्व दीपक त्रिपाठी ने बताया कि, पुलिस ने आरोपी के खातों का स्टेटमेंट चेक किया, तो लाखों का लेन-देन खाते में होना पाया गया है। आरोपी के बाकी साथी फरार हैं। पुलिस आरोपियों को पकड़ने के प्रयास में जुटी है।

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