छत्तीसगढ़ में ‘एक पेड़ मां के नाम 2.0’ की तैयारी तेज हो गई है। इस साल प्रदेश में करीब दो करोड़ 75 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पहली बार बड़े स्तर पर मियावाकी पद्धति का उपयोग किया जाएगा। इसके तहत एक एकड़ में 40 से 60 प्रजाति के पेड़ लगाए जाएंगे। इस संबंध में केंद्र सरकार ने सभी विभागों को चिट्ठी भेजी है। इसके तहत प्रत्येक जिले के एक स्कूल को पूरी तरह हरा-भरा बनाने की प्लानिंग भी है।
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि मां और पृथ्वी के प्रति सम्मान स्वरुप पौधरोपण के इस अभियन में जनसहभागिता, अंतरविभागीय समन्वय और जिला स्तरीय नेतृत्व महत्वपूर्ण है। इस अभियान के तहत पौधरोपण कार्यक्रम प्रमुख रुप से स्कूलों और इको क्लब्स के माध्यम से होगा। इसमें कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षण संस्थान भी शामिल होंगे। इन स्थानों पर प्राथमिकता
स्कूल, शिक्षण संस्थान, तीर्थ-स्थल, नगर वन, गार्डन, ग्रीन बेल्ट, राष्ट्रीय और राज्यमार्ग के किनारे, प्रमुख सड़कें, कैचमेंट एरिया, नदी तट, रिचार्ज जोन, नहर, अमृत सरोवर आदि स्थानों पर पौधरोपण को प्राथमिकता दी जाएगी। क्या है मियावाकी पद्धति मियावाकी पद्धति एक जापानी तकनीक है, जिसे अकीरा मियावाकी ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य कम समय में घने, देशी और जैव विविधता वाले जंगल बनाना है। इस पद्धति में, विभिन्न प्रकार की देशी प्रजातियों के पौधों को एक साथ बहुत पास-पास लगाया जाता है, इससे एक सूक्ष्म जलवायु बनती है जो पौधों के विकास को बढ़ावा देती है। वन, स्कूल जैसे कई विभागों की होगी महत्वपूर्ण भूमिका
पौधरोपण कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। बताया गया है कि वन विभाग, वन विकास निगम के साथ विभिन्न योजनाओं और मिशन जैसे मनरेगा, जल शक्ति अभियान, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन और राष्ट्रीय ग्रीन हाइवे मिशन जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इन प्रजातियों के लगाए जाएंगे पेड़
पौधरोपण के तहत सागौन, साल, साजा, आंवला, महुआ, आम, इमली, अमलतास, पेल्टाफार्म, कदम और मौलश्री जैसे पेड़ लगाए जाएंगे। पेड़ों की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर ही करनी होगी। मेरीलाइफ और मिशन लाइफ पोर्टल पर होगा पूरा रिकॉर्ड
जिला स्तर पर कलेक्टर की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कलेक्टर की अध्यक्षता में स्थापित जिला वृक्षारोपण समिति विभागों से समन्वय कर इस अभियान को पूरा करेगी। इन गतिविधियों का डेटा समिति द्वारा मेरीलाइफ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। इसी तरह स्कूलों में किए गए पौधरोपण का डेटा मिशन लाइफ के तहत इको क्लब्स के लिए बनाए गए स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।