एचईसी के सप्लाई कर्मियों का आंदोलन 33वें दिन भी जारी रहा। शनिवार सुबह 11.30 बजे सप्लाई कर्मी जुलूस के रूप में एचईसी मुख्यालय पहुंचे और चारों तरफ से मुख्यालय का घेराव किया। इस दौरान सभी कर्मचारी मुख्य सड़क पर बैठ गए जिससे सड़क पर एक तरफ से आवागमन बंद हो गया। धुर्वा थाना और सीआईएसएफ की मौजूदगी में वहीं पर सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए रनथू लोहरा ने कहा कि एक महीने के बाद प्रबंधन ने वार्ता के लिए बुलाया, लेकिन वह भी बेनतीजा रहा। प्रबंधन ने किसी भी मांग पर स्पष्ट सहमति तो नहीं दी, लेिकन आश्वासन जरूर मिला। कहा गया कि आगे हल निकाल लिया जाएगा, पर सबकुछ जस का तस है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आउटसोर्सिंग एजेंसियां बिना वेतन दिए लापता हो जा रही हैं। एचईसी में भी प्रबंधन ऐसा ही करना चाहती है। विस्थापित, मृत कर्मचारी के आश्रित, आईटीआई सभी कर्मचारी 25 वर्षों में स्थाई होने के हकदार थे, लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक ये कर्मचारी अस्थाई ही रहे। सभा में मुख्य रूप से दिलीप सिंह, उवैस आज़ाद, मोईन अंसारी, रोहित पांडेय, वाई त्रिपाठी, राजेश शर्मा, शारदा देवी, प्रमोद कुमार, कौशल कुमार, प्रेम नाथ शाहदेव, अताउल्लाह आदि ने अपने विचार रखे। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक पुरानी सुविधाएं, पुराना वेतन बहाल नहीं होगा तबतक आंदोलन जारी रहेगा। आउटसोर्सिंग कंपनियों को सौंपना चाह रहा प्रंबधन
मनोज पाठक ने कहा कि प्रबंधन बैठक में मसौदा तैयार नहीं करती है। पिछली दफा जब प्रबंधन ने सप्लाई कर्मियों को काम पर वापस बुलाया था, तो उस समय प्रबंधन ने यही कहा था कि 6 महीना के बाद सारे कर्मचारियों को सारी सुविधा दे दी जाएगी। लेकिन हुआ उल्टा, प्रबंधन रविवार का पैसा काट कर और सुविधाओं को काट कर आउटसोर्सिंग के हवाले करना चाहती है। प्रबंधन सारी चीजों पर सप्लाई कर्मियों के प्रतिनिधियों से बात करके काम करती, तो यह आंदोलन नहीं होता। श्रमिक संघ ने वेतन भुगतान और नियमित प्रमोशन की मांग तेज की एचईसी श्रमिक संघ यूनियन की बैठक में वेतन भुगतान, प्रमोशन और क्वार्टर आवंटन को लेकर प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी जताई गई। बैठक में संघ के नेता शनि सिंह ने कहा कि कर्मचारियों का वेतन जल्द से जल्द दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि निदेशक कार्मिक ने प्रत्येक महीने वेतन देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अगले ही महीने से भुगतान बंद हो गया। श्रमिक नेता ने कहा कि कर्मचारी पूरे जोश के साथ काम कर रहे हैं, लेकिन समय पर वेतन नहीं देकर प्रबंधन उनका मनोबल तोड़ रहा है। उन्होंने 2018 बैच के प्रमोशन प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने और पिछले 4 वर्षों से बंद पड़ी क्वार्टर आवंटन प्रक्रिया को चालू करने की भी मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि कई खाली क्वार्टर कुछ लोगों के कब्जे में हैं, जबकि कर्मचारी जर्जर क्वार्टर में रहने को मजबूर हैं। बैठक में कस्बीर महतो, योगेंद्र कुमार सिंह, बैद्यनाथ पासवान, सुनील कुमार, शशि गोलशन टोपनो, शेखर कुमार, अनुज कुमार, दिवाकर देव, अरुण कुमार और संतोष कुमार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।