इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में रविवार को एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन हुआ। इसमें आईटी सेक्टर के लिए 4 पॉलिसियां जारी की गई। सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश को इस कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इससे 75 हजार लोगों को रोजगार मिल सकेगा। भोपाल में इलेक्ट्रॉनिक पार्क और इंदौर में आईटी टावर बनाया जाएगा। सीएम ने कहा कि हमने सरकार गठन के बाद तुरंत उद्योग और रोजगार की तरफ ध्यान दिया। हम छोटे-छोटे स्थान पर भी उद्योगपति को ले गए। हमारे पास जमीन कम पड़ रही है। प्रोजेक्ट मांगने वाले ज्यादा आ रहे हैं। प्रदेश में आज की स्थिति में 6 आईटी पार्क हैं। हमने 18 नीतियां लोकार्पित की थीं। पूरी दुनिया के निवेशक यहां आ रहे हैं। उद्योगपतियों को दिए लेटर ऑफ अलॉटमेंट
इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स सेंटर इंदौर (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट सेंटर), कास्ट एनेक्स, जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी, वॉर्की टेक पार्क, इंदौर का लोकार्पण किया। वहीं, उद्योगपति दीपेंद्र मिस्त्री, पारितोष मंगल, मनोज मोदी, अनिरुद्ध केला, नितिन अग्रवाल, रोहन श्रीवास्तव, अर्पित कंथाली, सुनीता तांबोली को लेटर ऑफ अलॉटमेंट प्रदान किए। इस मौके पर बड़वाई आईटी पार्क और पंचशील आईटी पार्क और दृष्टि आईआईटीआई इंदौर का भूमिपूजन भी किया। साथ ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की 4 पॉलिसी गाइडलाइन जारी की गई है बता दें, आयोजित कार्यक्रम में गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, NVIDIA जैसी बिग-टेक कंपनियों सहित 300 से अधिक तकनीकी विशेषज्ञ, उद्योगपति, नीति निर्माता और निवेशक शामिल हुए हैं। उद्योपतियों निवेशकों से हुई वन-ऑन-वन मीटिंग्स
कॉन्क्लेव के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विभिन्न उद्योपतियों औ निवेशकों से वन ऑन वन चर्चा की। उन्होंने कहा हम निवेशकों के विश्वास को मजबूती देंगे, नई नीतियां लागू करेंगे, आधारभूत संरचना को और सशक्त करेंगे। नई जीसीसी नीति 2025, सेमीकंडक्टर नीति 2025, एवीजीसी एक्सआर नीति 2025 और ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति के द्वारा इन क्षेत्रों में निवेशकों को आवश्यक मदद प्रदान करने के प्रावधान है। राज्य सरकार, उद्योगपतियों और निवेशकों को एक इकोसिस्टम प्रदान करेगी। निवेशकों को सहयोग देने का प्रयास किया जा रहा है। प्रदेश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। राज्य सरकार निवेशकों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत विजन-2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्य प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाएगा। मुख्य सचिव ने गिनाई एमपी में निवेश की संभावनाएं
कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएं गिनाईं और कहा कि दो माह पहले हुई ग्लोबल इन्वेस्टमेंट (GIS) के नतीजे अच्छे मिले हैं। जानिए उद्योगपतियोंं ने क्या कहा… देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी एमपी की वेव
कर्नाटक डिजिटल इकोनॉमी मिशन के सीईओ संजय गुप्ता ने कहा कि मैं मध्यप्रदेश को अपने इंडस्ट्री क्लाइंट के रूप में देखता हूं। मेरा विचार है कि एक प्रोफेशनल बॉडी बने, जो इंडस्ट्री और सरकार के बीच काम करे। डिजिटल इकोनॉमी में स्टार्टअप्स की मुख्य भूमिका है। भविष्य में बड़ी संख्या में युवा इस सेक्टर में आएंगे। मध्य प्रदेश से उठी यह वेव देश की इकोनॉमी को बढ़ाएगी। एमपी पहला स्टेट जिसने जीसीसी पॉलिसी अपनाई ग्लोबल कैपिबिलिटी सेंटर (जीसीसी) एक्सपर्ट विश्वनाथन केएस ने कहा- देश में आज 1700 जीसीसी हैं। अगले 5 साल में नए 3000 जीसीसी आएंगे। मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने जीसीसी पॉलिसी को अपनाते हुए लैंड रिकॉर्ड, इलेक्ट्रिसिटी बिल जैसी सुविधाओं में कार्य किया है। विकसित भारत में मध्यप्रदेश की बड़ी भूमिका होगी। प्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और जबलपुर में आगे बढ़ने की कैपेबिलिटी है। मध्य प्रदेश में टूरिज्म और कनेक्टिविटी बेहतर है। बैंगलोर में 7 से 8 प्रतिशत आईटी प्रोफेशनल्स मध्यप्रदेश से हैं, जो अपने प्रदेश लौटना चाहते हैं। आईटी को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित मितेश लोकवानी ने कहा कि भोपाल में नई यूनिट स्थापित की है, जो डेस्कटॉप निर्माण में कार्य कर रही है। हमारी कंपनी ने देश-दुनिया में कम्प्यूटर और आईटी उपकरण निर्यात किए हैं। एचएलबीएस देश की 7वीं ऐसी कंपनी है, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। हम मध्य प्रदेश सरकार के साथ कार्य करते हुए राज्य में आईटी सेक्टर को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए संकल्पित हैं। सपनों को पूरा करने सकारात्मक माहौल
इंफोबीन टेक्नोलॉजी के सीईओ सिद्धार्थन सेठी ने कहा कि सपनों को पूरा करने के लिए सकारात्मक माहौल चाहिए। राज्य सरकार ने उद्योगपतियों के लिए एक पॉजिटिव वातावरण बनाया है। हमारे यहां 1500 इंजीनियर कार्यरत हैं। इंफोबीन की जड़ें, इंदौर में हैं और यहीं रहेंगी। पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे
पंचशील प्राइवेट लिमिटेड के अतुल चोडिया ने कहा कि हम इंदौर में फ्यूचर रेडी पंचशील आईटी पार्क की स्थापना करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के विजन से कंपनी को विस्तार करने के लिए जमीन मिली है। कंपनी डेटा सेंटर तैयार करने की दिशा में भी कार्य कर रही है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रमुख केन्द्र बनेगा मध्यप्रदेश युवाओं को मिलेगा रोजगार कंट्रोल-एस (CtrlS) डेटा सेंटर के लिए सीसीआईपी के तहत 5 एकड़ भूमि आवंटित हुई हैं। इनके द्वारा भोपाल के बड़वई आईटी पार्क में 12 मेगाबाइट का डाटा सेंटर का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 500 करोड़ रुपए है, जिससे प्रत्यक्ष 200 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पंचशील इंफ्रा डेवलपर्स: इन्हें सीसीआईपी के तहत 10 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। इन के द्वारा इंदौर के सुपर कॉरिडोर में आईटी बिल्डिंग का निर्माण किया जाएगा। जिसका निर्मित क्षेत्रफल लगभग 20 लाख वर्ग फुट होगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 1000 करोड़ रुपए है, जिस से 15000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। दृष्टि आईआईटीआई इनक्यूबेशन सेंटर: इनके द्वारा सिन्हासा आईटी पार्क, इंदौर में 10,248 वर्ग फुट में 120-सीटर स्टार्ट-अप स्पेस का निर्माण किया जाएगा, जो प्रदेश के स्टार्ट-अप्स को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने का कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट में अनुमानित निवेश लगभग 7 करोड़ रुपए है। जो लगभग 120 स्टार्ट-अप्स कंपनियों के लिए पर्याप्त होगा। जबलपुर आईटी पार्क ब्लॉक बी: आईटी–आईटीईएस इकाइयों के लिए रेडी टू टेक बिल्डिंग को 25 करोड़ रुपए के निवेश से एमपीएसईडीसी द्वारा बनाया गया है। जिससे 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। कास्ट एनएक्स (देवास स्थित ईएसडीएम स्टार्टअप): पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स और एआई-आईओटी के क्षेत्र से जुड़ा यह संस्थान देवास में है। जिसमें लगभग 20 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। इससे सीधे तौर पर 150 लोगों को रोजगार मिलेगा। वर्कि-टेक पार्क: यह एक आईटी/आईटीईएस इकाई है। इसमें 20 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है, जिससे प्रत्यक्ष रूप से लगभग 7000 लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा अन्य औद्योगिक सेक्टर में कुल 452.95 करोड़ रुपए का निवेश मिलेगा। पीपीपी मोड से इंदौर में बनेगा आईटी टावर इसमें पीपीपी मोड पर इंदौर के आईटी पार्क (परदेशीपुरा) में आईटी टावर, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए ऑप्टिकल फायबर, भोपाल, इंदौर और जबलपुर में स्थापित होने वाली 8 कंपनियों को कुल 12 आवंटन पत्र जारी किए गए हैं। निवेशकों के लिए प्रोत्साहन पोर्टल लॉन्च
निवेशकों को एकीकृत सुविधा देने के लिए प्रोत्साहन पोर्टल लॉन्च किया गया। इसके अंतर्गत एमपी जीसीसी नीति-2025, एमपी सेमीकंडक्टर नीति-2025, एमपी एवीजीसी-एक्सआर नीति-2025 और एमपी ड्रोन प्रोत्साहन और उपयोग नीति-2025 के लिए दिशा-निर्देश शामिल हैं। दिव्यांगों को सीएम ने वितरित किए उपकरण इससे पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इंदौर के विजय नगर पहुंचे। यहां उन्होंने 300 दिव्यांगों को 749 प्रकार के उपकरण वितरण किए हैं। इनमें ट्राईसाईकल भी है। कुल 70 लाख के उपकरण बांटे गए हैं। दरअसल, आईडीबीआई बैंक और भारतीय रेडक्राॅस सोसाइटी के वित्तीय सहयोग से जिले के दिव्यांगजनों को नि:शुल्क उपकरण प्रदान किए गए हैं। कार्यक्रम में 5 दिव्यांगजनों को नियुक्ति पत्रों का वितरण भी किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दिव्यांगों पर पुष्प वर्षा की और उनके हालचाल जाने। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- इंदौर 2 टियर माना जाता है। मुझे इस पर आपत्ति है। यह शहर किसी से कम नहीं है। यह देश का सबसे स्वच्छ शहर है। आने वाले समय में यह शहर ग्रीन इंदौर में भी नंबर वन होगा। हम पेड़ लगाकर शहर का 5 डिग्री टेम्परेचर कम करेंगे। मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा- मध्यप्रदेश सरकार की सोच, संकल्प, उद्देश्य और लक्ष्य उद्योग को बढ़ाने का है क्योंकि यह विज्ञान और टेक्नोलॉजी का युग है।