एमपी शूटिंग अकादमी में सुसाइड का मामला:रघुवंशी महासभा ने सौंपा ज्ञापन, एफआईआर सहित जांच की मांग

भोपाल के मध्यप्रदेश शूटिंग अकादमी के रेस्ट रूम में 1 दिसंबर शाम करीब पांच बजे अशोकनगर रहने वाले खिलाड़ी यथार्थ रघुवंशी ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस मामले में आज अखिल भारतीय रघुवंशी (क्षत्रिय) महासभा ने एसपी ऑफिस पहुंचकर आयुक्त पुलिस विभाग भोपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। रघुवंशी (क्षत्रिय) महासभा​​​​​​ के सदस्य ​एसकेएस चौहान ने बताया कि यथार्थ रघुवंशी (17) ने अकादमी के कुछ सीनियरों व स्टाफ द्वारा मानसिक प्रताड़ना से व्यथित होकर आत्महत्या की है। इस बारे छात्र ने घटना के कुछ देर पहले अपने पिता अरुण रघुवंशी व अन्य परिजनों को बताया था, कि कुछ लोगों द्वारा षडयंत्र पूर्वक उन्हें झूठे चोरी के मामले में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। बाद में यथार्थ रघुवंशी के सुसाइड की खबर पिता को मौके पर पहुंचने पर दी गई थी। उन्होंने बताया कि यथार्थ के पिता अरुण जो स्वयं खेल अधिकारी हैं। इस घटना से उनका पूरा परिवार छिन्न भिन्न हो गया है, उनके पिता को यथार्थ द्वारा फोन पर बताया था कि मनीष डेनियल, दिव्यांश सिंह ठाकुर, अर्जित यादव, यशराज यादव, दुष्यंत भारद्वाज और मनितवा रावत द्वारा उसे 24 नवंबर से लगातार शारीरिक व मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। साथ ही यथार्थ ने अपने मोबाइल पर एक सुसाइड नोट बनाकर उसकी मित्र गौरी दत्त को भेज दिया था, जिसका स्क्रीनशॉट लेकर गौरी दत्त ने यथार्थ की चचेरी बहन समृद्धि रघुवंशी को भेजा था। यतार्थ के पिता अरुण रघुवंशी ने 9 दिसंबर को थाना प्रभारी रातीबड़ भोपाल के समक्ष अपने बयान दर्ज कराते हुए उल्लेख किया है। उनके पुत्र ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि उक्त नामित लोगों ने षडयंत्र पूर्वक उसको लंबे समय तक लगातार मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया है। जिसके लिए उन्होंने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का अनुरोध करते हुए निम्न बिंदुओं पर जांच की मांग की है। ये हैं मांगे – 1 – सुसाइड नोट के रूप में उनके पुत्र ने मनीष डेनियल, दिव्यांश सिंह ठाकुर, अर्जित यादव, यशराज यादव, दुष्यंत भारद्वाज व मनीतवा रावत के नाम दिए हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। 2- उनके पुत्र को लगातार प्रताड़ित करने की जानकारी उन्होंने आत्महत्या करने से कुछ घंटे पहले कोच को बताते हुए उल्लेख किया था, इसके बाद भी उन्होंने उसकी इस मानसिक अवस्था में गन क्यों दी। 3 – करीब 7 दिनों से उनके पुत्र को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इस मामले में अकादमी प्रबंधन चाहता तो तत्काल सक्रियता दिखाते हुए मामले में हस्तक्षेप कर घटना को रोक सकता था। 4 – उनके पुत्र पर चोरी का आरोप लगाया गया तो क्या अकादमी में इतना पैसा बच्चों को रखने की अनुमति दी जाती है, इस मामले की भी जांच हो। 5 – चोरी की घटना अगर अकादमी में हुई थी तो तत्काल प्रबंधन ने पुलिस को सूचना क्यों नहीं दी।

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