‘एयर एंबुलेंस के लिए सेंसिटिव एरिया में बनाएं हेलिपैड’:​​​​​​​CM बोले- जहां सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा हो रहीं, ऐसे क्षेत्र चिह्नित कर ट्रॉमा सेंटर पहुंचाएं

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एयर एम्बुलेंस सेवा के बेहतर उपयोग के लिए सेंसिटिव क्षेत्रों में प्राथमिकता से आवश्यक लैंडिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार कराए जाएं। ऐसे क्षेत्र जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं उन्हें चिह्नित करने और इन क्षेत्रों से ट्रामा सेंटर तक जल्दी पहुंचाने पर अधिकारी फोकस कर काम करें। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्रों में जहां उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, वहां पीपीपी मोड पर चिकित्सालय बनाने के प्रस्ताव तैयार किए जाएं। पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा योजना की वृहद समीक्षा के दौरान सीएम डॉ. यादव ने कहा कि योजना के सटीक रिजल्ट के लिए गृह विभाग, स्वास्थ्य विभाग और विमानन विभाग के आपसी समन्वय से एक्शन प्लान तैयार किया जाए ताकि सेवाओं का बेहतर उपयोग कर लोगों का अमूल्य जीवन सुरक्षित किया जा सके। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों, जैसे सड़क दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा में, ट्रॉमा यूनिट और प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम को घटना स्थल तक एयर एम्बुलेंस द्वारा पहुंचाया जाना चाहिए। इसके साथ ही एयर एम्बुलेंस सेवा के बेहतर उपयोग के लिए सेंसिटिव क्षेत्रों में प्राथमिकता से आवश्यक लैंडिंग अधोसंरचना का विकास करने पर उन्होंने जोर दिया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ऐसे क्षेत्र जहां सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं उन्हें चिह्नित करने और इन क्षेत्रों से ट्रॉमा सेंटर तक जल्दी पहुंचाने के लिए योजना पर कार्य करने के निर्देश दिए ताकि शीघ्रता से पीड़ित को चिकित्सकीय सेवाएं दी जा सकें। कलेक्टर, सीएमएचओ, पुलिस का कोआर्डिनेशन
मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, कलेक्टर और पुलिस प्रशासन को लगातार कोआर्डिनेशन रखने और आवश्यकता पड़ने पर एयर एम्बुलेंस सेवा का उपयोग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही जिला स्तर पर योजना के प्रावधानों और सेवाओं के प्रति विभागीय अधिकारियों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए। गोल्डर ऑवर में ट्रीटमेंट सबसे जरूरी-सीएस
बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं और आपदाओं में गोल्डन ऑवर ट्रीटमेंट अत्यधिक महत्वपूर्ण है। इसके लिए भारत सरकार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से आवश्यक सेवाओं के प्रावधान किए जा रहे हैं। मंत्रालय से संपर्क कर सेवाओं के बेहतर उपयोग और प्रबंधन को तय करने की आवश्यकता है। बैठक में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना, अपर मुख्य सचिव गृह जेएन कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य संदीप यादव, आयुक्त विमानन चंद्रमौली शुक्ला सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। 61 रोगियों को मिली पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा
बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक 61 मरीजों को पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा का लाभ प्राप्त हुआ है जिनमें से 52 मामलों में निःशुल्क सेवा प्रदान की गई है। जबकि 9 मामलों में फीस के जरिए सेवा दी गई। इन 61 मामलों में रीवा जिले से 19 रोगियों का एयर एम्बुलेंस से परिवहन किया गया जिनमें से 17 को निःशुल्क सेवा मिली। जबलपुर से 11, भोपाल से 8, छतरपुर से 6, ग्वालियर और दिल्ली से 3-3 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा प्राप्त हुई। बालाघाट, इंदौर, और पन्ना से 2-2 रोगियों को और बैतूल, कटनी, नरसिंहपुर, सतना और उज्जैन से 1-1 मरीजों को यह सेवा प्राप्त हुई। इन 61 मामलों में सबसे अधिक 14 प्रकरण हृदय रोग से संबंधित थे, इसके अतिरिक्त श्वास रोग के 10, सड़क दुर्घटनाओं के 7 और हेड इंजरी एवं स्पाइनल इंजरी के 6 मामले रहे। इसके अलावा, लिवर रोग और अंग दान से जुड़े 3-3, किडनी रोग और बर्न के 2-2 मरीजों को एयर एम्बुलेंस सेवा से उच्च स्वास्थ्य संस्थानों तक पहुंचाया गया। 14 अन्य गंभीर प्रकरणों में त्वरित रेफरल की आवश्यकता थी। पीएमश्री एयर एंबुलेंस सेवा में करते हैं एयर लिफ्ट
पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने पर, कठिन भौगोलिक परिस्थितियों में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुंचकर, उन्नत आपातकालीन चिकित्सा सेवा द्वारा मरीजों को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केंद्रों तक एयरलिफ्ट किया जाता है। सेवा के अंतर्गत 1 हेली एम्बुलेंस और 1 फिक्स्ड विंग कन्वर्टेड फ्लाइंग एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है जिसमें उच्च स्तरीय प्रशिक्षित चिकित्सकीय एवं पैरामेडिकल स्टाफ की टीम हमेशा तैनात रहती है। इन्हें है एयर एंबुलेंस की पात्रता
सड़क एवं औद्योगिक दुर्घटना अथवा प्राकृतिक आपदा में पीड़ित व्यक्तियों को राज्य के अंदर एवं बाहर शासकीय या निजी चिकित्सालय में निःशुल्क पहुंचाया जाता है। आयुष्मान कार्डधारी को राज्य के अंदर और बाहर शासकीय एवं आयुष्मान संबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क एयर लिफ्ट किया जाता है। अन्य मरीज जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है, उनके लिए राज्य के अंदर शासकीय अस्पताल में निःशुल्क और राज्य के बाहर अनुबंधित दर पर फीस लेकर परिवहन की व्यवस्था है। एयर एम्बुलेंस सेवा की स्वीकृति के लिए ये अफसर जिम्मेदार
दुर्घटना, आपदा के मामलों में संभाग के अंदर निःशुल्क परिवहन के लिए जिला कलेक्टर, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अनुशंसा पर स्वीकृति दे सकते हैं। जबकि संभाग के बाहर जाने के लिए स्वास्थ्य आयुक्त स्वीकृति देंगे। गंभीर मरीजों को मेडिकल कॉलेज से बाहर एयर एम्बुलेंस की स्वीकृति, अधिष्ठाता की अनुशंसा पर संभाग आयुक्त द्वारा और राज्य के बाहर के लिए संचालक चिकित्सा शिक्षा द्वारा दी जाती है। अन्य फीस वसूली के साथ परिवहन मामलों में स्वीकृति राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यालय स्तर पर दी जाती है।

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