एसईसीएल की खदान में विस्फोट से लोगों की जान खतरे:20 मीटर दूर रह रहे परिवारों के घरों में गिर रहे पत्थर,मुआवजा भी नहीं मिला

कोरबा में एसईसीएल की खदान में हो रही विस्फोट की गतिविधियों से स्थानीय निवासियों का जीवन मुश्किल हो गया है। आमगांव दर्रा खांचा में रह रहे लोगों के घरों से महज 20 मीटर की दूरी पर खदान में विस्फोट किया जा रहा है। इस बस्ती में 5-6 घर हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण एसईसीएल ने करने का निर्णय लिया है। सर्वे भी हो चुका है, लेकिन अभी तक परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है। स्थानीय निवासी नंदनी राठौर ने बताया कि पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इस बार पत्थर सीधे मकानों पर गिरे। उन्होंने कहा कि एसईसीएल ने सर्वे तो किया है, लेकिन मुआवजा अब तक नहीं मिला है और उनका नाम भी अधिग्रहण सूची में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में उन्हें मजबूरी में खतरे के बीच रहना पड़ रहा है। प्लास्टिंग रोकने पर धमकी, पुलिस कार्रवाई की चेतावनी स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब वे हैवी ब्लास्टिंग का विरोध करने या विस्फोट रोकने की मांग पर उन्हें धमकाया जाता है कि पुलिस केस में फंसा दिया जाएगा। इससे लोग खामोश रहने को मजबूर हैं। गलती से नहीं चढ़ा नाम, अब तक नहीं मिला मुआवजा मकान मालिक राजू राठौर ने बताया कि राजस्व विभाग की लापरवाही के चलते कई घरों के नाम ऑनलाइन रजिस्टर में नहीं चढ़े, जिस वजह से उनका नाम सर्वे में नहीं आया। परिणामस्वरूप अब तक मुआवजा भी नहीं मिला है और वे अपने ही घर में जान जोखिम में डालकर रह रहे हैं। धूप में बाहर रहने को मजबूर हर दिन दोपहर के समय करीब दो घंटे तक की जाने वाली हैवी ब्लास्टिंग के दौरान पूरा परिवार घर छोड़कर बाहर कड़ी धूप में खड़ा रहता है। राठौर ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है, जब पत्थर मकान पर गिरे हों। पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब तक एसईसीएल की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

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