ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर 11 दिन से काम ठप, लोगों को हो रही परेशानी

भास्कर न्यूज| लुधियाना पंजाब भर में ट्रांसपोर्ट विभाग द्वारा चलाए जा रहे ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर 11 दिन से काम ठप है। इसकी वजह है कि कर्मचारियों की नई आईडी समय पर नहीं बन पाई। ट्रैक पर काम करने वाली कंपनी स्मार्ट चिप का ठेका 22 दिसंबर 2024 को रद्द कर दिया गया था और इसकी जगह नई कंपनी एमटेक को काम सौंपा गया था। नए कर्मचारियों की आईडी बनवाने में देरी के कारण ट्रैक बंद पड़ा है। इस वजह से ड्राइविंग लाइसेंस के लिए टेस्ट देने आए लोग बिना टेस्ट किए ही वापस लौट रहे हैं। स्मार्ट चिप कंपनी के तहत काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 250 है, जिनमें से लुधियाना में 8 कर्मचारी हैं। ट्रैक पर काम करने वाले इन कर्मचारियों की नई आईडी बनने में देरी हो रही है, जिस कारण ट्रैक का संचालन प्रभावित हो रहा है। ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर और आरटीओ ऑफिस में काम करने वाले ये कर्मचारी ट्रैक के संचालन के लिए जिम्मेदार हैं। लुधियाना में कॉलेज रोड पर एक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक है और दूसरा चंडीगढ़ सेक्टर-32 में स्थित है। यहां रोजाना 500 से अधिक लोग लाइसेंस से संबंधित कार्य करवाने के लिए आते हैं। ट्रैक बंद होने की वजह से इन लोगों को काफी दिक्कत हो रही है। ट्रैक पर विभाग द्वारा यह सूचना भी दी गई है कि स्मार्ट चिप कंपनी का कांट्रेक्ट खत्म होने के बाद एमटेक को काम सौंपा गया है और कर्मचारियों की आईडी नहीं बनने के कारण 23 से 26 दिसंबर तक ट्रैक बंद रहेगा, लेकिन जनवरी शुरू होने के बाद भी ट्रैक चालू नहीं हो पाया। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं जब लोग अधिकारियों से जानकारी लेने जाते हैं तो उनको कोई भी सही जानकारी भी नहीं मिल रही है। लोगों को अपनी लर्निंग लाइसेंस की अवधि बढ़ाने के लिए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है। जो लोग लर्निंग लाइसेंस बनवाकर पक्का लाइसेंस लेने के लिए अप्लाई कर चुके थे, उन्हें बिना टेस्ट के ही लौटना पड़ रहा है। लर्निंग लाइसेंस की अवधि खत्म होने पर उन्हें फिर से आवेदन करना होगा और इसके लिए अतिरिक्त शुल्क भी भरना पड़ेगा। ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के इंचार्ज अभिषेक बंसल से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि विभाग के अंन्तर्गत सोसायटी के कर्मचारी भी काम कर रहे हैं। अगर कंपनी द्वारा कर्मचारियों की आईडी नहीं बनाई जाती तो सोसायटी के कर्मचारियों से काम लेने संबंधी अधिकारियों से विचार किया जाएगा।

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