शरीर के सबसे ज्यादा हलचल वाले जोड़ कंधे में होने वाली फ्रोजन शोल्डर की समस्या से आजकल कई लोग परेशान हैं। आरआरसी एसएमएस हॉस्पिटल के पूर्व अतिरिक्त निदेशक एवं प्रिंसिपल वरिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. संजीव बंसल ने इस बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है। फ्रोजन शोल्डर को आम भाषा में कंधा जाम होना कहा जाता है। इस स्थिति में कंधे की हरकत या तो पूरी तरह रुक जाती है या सीमित हो जाती है। हाथ हिलाने पर तेज दर्द होता है। डॉ. बंसल ने बताया- कंधे में होने वाला दर्द बाजू से आगे सीने तक और पीछे की तरफ गर्दन व कूल्हों तक फैल सकता है। बाएं कंधे में दर्द होने पर कई बार मरीज हार्ट अटैक का भ्रम पाल लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता। यह समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है। हालांकि अक्टूबर-नवंबर में इसके मामले ज्यादा देखे जाते हैं। मधुमेह के मरीजों में यह बीमारी अधिक पाई जाती है। ज्यादातर मरीजों में फिजियोथेरेपी से इसका इलाज संभव है। लेकिन जब दर्द असहनीय हो और कंधे की हरकत दर्दनाक हो, तब मरीज व्यायाम नहीं कर पाता और दर्द निवारक दवाएं भी असर नहीं करतीं। रोजमर्रा के काम और यात्रा के दौरान कंधे पर झटके लगने से छोटी-छोटी चोटें आती रहती हैं। दर्द के कारण मरीज कंधे को हिला-डुला नहीं पाता और धीरे-धीरे कंधा जाम हो जाता है। डॉक्टर संजीव बंसल ने बताया- इस स्थिति में कंधे में इंजेक्शन के द्वारा दर्द से निजात दिलाई जा सकती है। फिर वह फिजियोथैरेपी करवा कर स्थायी निजात प्राप्त कर सकता है। यह इलाज एक्सपर्ट चिकित्सक की देखरेख में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस इंजेक्शन के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। हजारों मरीजों का इस तकनीक से सफलता पूर्वक इलाज कर चुके है। डॉ. संजीव बंसल, रिटायर्ड एड. डायरेक्टर एवं प्रिंसिपल सीनियर स्पेशलिस्ट आरआरसी, एसएमएस हॉस्पिटल ने बताया- इंजेक्शन लगाने के बाद भी मरीज को 2-3 महीने घर पर ही कंधे की एक्सरसाइज करनी चाहिए, जिससे स्थायी रूप से दर्द से निजात मिल सके। इस बीमारी में किसी प्रकार की कंधे की सर्जरी आदि की आवश्यकता नहीं है।