शहर में सिटी बस संचालन करने वाली कंपनी आखिरी बचीं 15 सिटी बसें सरेंडर करेगी। कंपनी के महाप्रबंधक जसकीरत सिंह ने कहा कि बसों के संचालन में घाटा हो रहा है। निगम अफसरों से सपोर्ट नहीं मिला और ई-रिक्शा नियंत्रित नहीं हो सके। इसलिए बसों को सरेंडर करेंगे। वहीं, 100 इलेक्ट्रिक बसों को लेकर भी पेच फंसा है। बसों का संचालन बंद होता है तो शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर ऑटो, टैक्सी और बाइक ही रह जाएंगे। जेएनएनयूआरएम योजना के तहत शहर में 120 सिटी बसें खरीदी गईं थीं। इन बसों में से 83 बसें हॉरीजन कंपनी को सौंपी गई थी। बाद में विवाद होने पर मामला आर्बिटेशन से लेकर सेशन कोर्ट तक पहुंच गया था। अब 15 बसें ही सड़कों पर दौड़ रही हैं।