कई जिलों के डीईओ ने जारी किया था आदेश:सीबीएसई स्कूल एनसीईआरटी के साथ निजी प्रकाशकों की किताबें भी अब पूरक के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के निजी स्कूलों में सिर्फ एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य करने का आदेश निरस्त कर दिया है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने कहा है कि सीबीएसई से संबद्ध निजी स्कूलों में पहली से 8वींक तक निजी प्रकाशकों की किताबें पूरक सामग्री के तौर पर इस्तेमाल की जा सकेंगी। हालांकि हाई कोर्ट ने सीबीएसई के अगस्त 2024 में जारी आदेश का पालन करने के निर्देश दिए हैं। इस आदेश के तहत 8वीं तक निजी प्रकाशकों की किताबों को सिर्फ पूरक के तौर पर इस्तेमाल करने की छूट दी गई थी। जबकि 9वीं से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबों को अनिवार्य किया गया था। सीबीएसई की गाइडलाइन: 9वीं से 12वीं तक एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य सीबीएसई ने स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबों के इस्तेमाल करने को लेकर 12 अगस्त 2024 को अधिसूचना जारी की थी। इसमें स्कूलों के लिए किताबों के चयन और उनके उपयोग को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। गाइडलाइन के तहत कक्षा 1 से 8 तक एनसीईआरटी–एससीईआरटी की किताबों को अपनाने की सख्त सलाह दी गई है, जबकि कक्षा 9 से 12 तक एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य कर दी गई थीं। स्कूलों को 8वीं तक एनसीईआरटी या एससीईआरटी की किताबें अपनाने की सलाह दी गई, हालांकि, यदि जरूरत होने पर स्कूलों को पूरक अध्ययन सामग्री का उपयोग करने की छूट दी गई। वहीं, 9 से 12वीं तक एनसीईआरटी किताबों का इस्तेमाल अनिवार्य किया गया। जिन विषयों में किताबें उपलब्ध नहीं हों, वहां सीबीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध पाठ्यपुस्तकों का उपयोग अनिवार्य किया गया। इन कक्षाओं में स्कूल अपनी आवश्यकता अनुसार पूरक और डिजिटल सामग्री का भी उपयोग कर सकते हैं। यह शर्तें अनिवार्य की हैं

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