कई राज्यों की पुलिस ने अपनाया:भोपाल के जवान के बनाए सॉफ्टवेयर से साइबर फ्रॉड के केस सुलझाना आसान, घंटों का काम एक क्लिक में

साइबर फ्रॉड कर लोगों को ठगने वाले ठगों को ट्रेस करना अब और आसान हुआ है। भोपाल की साइबर क्राइम विंग के एसआई भरत प्रजापति ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है, जिसका उपयोग अब देशभर के 10 से ज्यादा राज्यों की पुलिस कर रही है। investigationcamp.com नाम से तैयार वेबसाइट में ऐसी खूबियां हैं, जिनसे जांच प्रक्रिया आसान हो गई है। फ्री एक्सेस होने वाली वेबसाइट पर एक बार में कई यूजर काम कर सकते हैं। तकनीकी जांच के लिए पुलिस को अब तक कई सॉफ्टवेयर खरीदना पड़ते थे। इस वेबसाइट में वे सारे फीचर हैं, जिनकी जरूरत क्रिमिनल्स को पकड़ने में होती है। 8 से ज्यादा फीचर, सब फ्री, लाइसेंस की भी जरूरत नहीं, अभी पुलिस सॉफ्टवेयर के लिए खर्च करती लाखों रुपए वेबसाइट बनने की कहानी बीएससी (बायो) बैकग्राउंड वाले भरत ने 5 साल साइबर विंग में पोस्टिंग के दौरान आईटी की बारीकियां सीखीं। वे बताते हैं- कई केसों में ऐसी परेशानी आईं, जिसे दूर करने में काफी समय बर्बाद हुआ। इन परेशानियों को बिंदुवार लिखा, फिर इनके समाधान पर काम किया। वेबसाइट बनाने के लिए कोई छुट्‌टी नहीं ली। दिन में ऑफिस का काम करने के बाद रात 9 से रात 3 बजे तक वेबसाइट डिजाइन करता था। 1. आईपी इंटेलिजेंस : वीपीएन और प्रॉक्सी आईपी एड्रेस की पहचान आसान हुई है। आईपी एड्रेस किस देश का उपयोग हुआ, किस कंपनी का है, अपलोड करते ही जानकारी आ जाती है आदि। 2. सीडीआर का एनालिसिस: मोबाइल करियर्स बल्क लुकअप फीचर से सीडीआर का एनालिसिस एक क्लिक पर। सिम किसके नाम है, कंपनी, लोकेशन, नंबर अभी कहां पर एक्टिव है आदि। 3. आईएफएससी सर्च: खातों की डिटेल के लिए पुलिस बैंक पर निर्भर होती है। इस फीचर ने यह मुश्किल आसान की है। बैंक स्टेटमेंट अपलोड करते ही पता बैंक, ब्रांच, उसका फोन नंबर सब स्क्रीन पर। 4. थानों से संपर्क: पीएस सर्च फीचर में थाने का नाम डालकर एंटर करते ही थाने की लोकेशन, संपर्क नंबर और सर्च करने वाले व्यक्ति से थाना कितनी दूर है, यह सब कुछ स्क्रीन पर दिखेगा। 5. सीडीआर रूट ट्रेस: इससे पता चलता है यूजर किस रूट से कहां गया है। एक पूरा चार्ट स्क्रीन पर आ जाता है। उस तक पहुंचने की लिंक भी इसमें आती है। लोकेशन आसानी से ट्रेस होती है। 6. एनसीआरपी ग्राफ: ठगी का पैसा कितने खातों में ट्रांसफर हुआ। खाते की डिटेल भरते ही पूरा ट्री स्क्रीन पर। इसमें आप देख सकते हैं किन-किन खातों में रकम पहुंची और विड्रॉल कहां से हुआ। इस वेबसाइट ने आसान कर दिया काम इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेशनल सेंटर पर वेबसाइट का प्रेजेंटेशन हो चुका है। देश की कई राज्यों की पुलिस इसका उपयोग कर रही हैं। अब तक जो वक्त एनालिसिस में बर्बाद होता था, उसका उपयोग क्रिमिनल्स को पकड़ने में हो रहा है। वेबसाइट ने काम आसान कर दिया है।-अखिल पटेल, डीसीपी क्राइम, भोपाल

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