कटनी जिले के बरही थाना क्षेत्र में मंगलवार को तनाव का माहौल बन गया। सैकड़ों ग्रामीण थाना प्रभारी (टीआई) शैलेंद्र सिंह यादव को हटाने की मांग को लेकर सड़क पर उतर आए और ‘टीआई मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों में मुख्य रूप से हरिजन और आदिवासी समाज के युवा, महिलाएं और बालिकाएं शामिल थीं, जिन्होंने राहुल चौधरी के नेतृत्व में विरोध दर्ज कराया। प्रदर्शनकारियों ने टीआई शैलेंद्र सिंह यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि थाना प्रभारी गरीबों, विशेषकर हरिजन और आदिवासी वर्ग के पीड़ितों की सुनवाई नहीं करते और उन्हें थाने से भगा दिया जाता है। ग्रामीणों ने टीआई की कार्यशैली के कारण क्षेत्र में भय का माहौल होने का भी आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में कई गंभीर आरोप शामिल हैं। इनमें हरिजन और आदिवासी वर्ग के लोगों को न्याय के लिए भटकना, क्षेत्र के गांवों में अवैध शराब बिक्री का संचालन जिससे सामाजिक माहौल खराब हो रहा है और टीआई पर अवैध वसूली कराने का आरोप प्रमुख हैं। ग्रामीणों के आक्रोश का तात्कालिक कारण ग्राम पथरहटा में लगभग 20 दिन पहले हुई एक महिला की संदिग्ध मौत का मामला है। मृतिका फूला बाई की मां मुन्नी बाई ने बताया कि उन्हें संदेह है कि घर के सदस्यों ने ही उनकी बेटी की हत्या कर शव को कुएं में डाल दिया था। मुन्नी बाई का आरोप है कि शिकायत के बावजूद बरही पुलिस ने मामले में न तो निष्पक्ष जांच की और न ही हत्या की रिपोर्ट दर्ज की। उनका कहना है कि पुलिस इस मामले को दबाने का प्रयास कर रही है। इस मामले में पुलिस अधीक्षक (एसपी) को शिकायत देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क उठा। आक्रोशित लोगों ने टीआई को तत्काल हटाने की मांग करते हुए आरोपों से भरा एक ज्ञापन पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर कटनी के नाम तहसीलदार बरही को सौंपा। वहीं थाना प्रभारी शैलेन्द्र सिंह यादव ने प्रदर्शनकारियों के सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए आरोपों को बेबुनियादी बताया है। उन्होंने अपने बचाव में कहा कि यह प्रदर्शन और नारेबाजी पुलिस पर दबाव बनाने की नीयत से की गई है। उनका कहना है कि पुलिस नियमानुसार कार्य कर रही है।