पूर्व अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने राजनीति छोड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने ‘द लेट शो विद स्टीफन कोलबर्ट’ में इंटरव्यू में कहा कि वह अब किसी भी राजनीतिक पद के लिए चुनाव नहीं लड़ेंगी, जिसमें कैलिफोर्निया के गवर्नर का पद भी शामिल है। हैरिस ने कहा- अमेरिका का पॉलिटिकल सिस्टम “टूट चुका है” और मैं लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने लिए मजबूत नहीं हूं। कैलिफोर्निया की गवर्नर रह चुकी हैरिस ने कहा कि उन्होंने अपने पूरे करियर में जनता की सेवा की है। उन्होंने कहा- मैंने गवर्नर बनने के बारे में बहुत सोचा। मुझे अपने राज्य कैलिफोर्निया से प्यार है, लेकिन अब मुझे लगता है कि मेरी सिस्टम में बदलाव लाने की क्षमता घट गई है। अपनी नई किताब 107 डेज में अनुभवों का जिक्र किया टीवी होस्ट ने हैरिस से कहा कि आप जैसी इतनी काबिल शख्सियत का यह कहना कि सिस्टम टूट गया है, ये चिंताजनक है। हैरिस ने यह भी बताया कि वह अब देशभर में घूमकर लोगों से बात करना चाहती हैं, लेकिन वोट मांगने के लिए नहीं, बल्कि उनकी बात सुनने के लिए। उनकी नई किताब ‘107 डेज’ 23 सितंबर को रिलीज होने वाली है। जिसमें उन्होंने अपनी 107 दिन के राष्ट्रपति चुनाव कैंपेन के अनुभवों का जिक्र किया है। हैरिस से पूछा गया कि उन 107 दिनों में सबसे ज्यादा क्या हैरान करने वाला था, हैरिस ने कहा, हर रात मैं प्रार्थना करती थी कि मैंने आज अपने पूरे सामर्थ्य के साथ सबकुछ किया हो। कमला हैरिस को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ हार मिली थी। राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज में ट्रम्प ने 312 वोटों के साथ जीत हासिल की थी, जबकि हैरिस को 226 वोट मिले थे। वकालत से राजनीति में एंट्री, 7 साल में राष्ट्रपति उम्मीदवार बनीं कमला ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत 1990 में जिला अटॉर्नी के रूप में की। वे जिला अटॉर्नी से स्टेट अटॉर्नी और फिर सीनेट (अमेरिकी राज्यसभा) तक पहुंचीं। जिला अटॉर्नी बनने के सालभर बाद ही कमला अपनी अप्रोच को लेकर विवादों में घिरने लगीं। इन विवादों ने कमला की लोकप्रियता को बढ़ाया। 2004 में एक क्रिमिनल गैंग के मेंबर ने एक पुलिस वाले इसाक एसपिनोजा की गोली मारकर हत्या कर दी। लोगों की मांग थी कि हत्यारे को मौत की सजा मिले। हालांकि, कमला ने सरकारी वकील के तौर पर मौत की सजा की मांग ही नहीं की। इसे लेकर न सिर्फ पुलिसवालों बल्कि कैलिफोर्निया के सीनेटर तक ने उनका विरोध किया था। अटॉर्नी के तौर पर कमला ने मौत की सजा को कम करने के लिए काम किया। उनका मानना है कि न्यायिक व्यवस्था को सजा देने से ज्यादा फोकस अपराध रोकने पर करना चाहिए। उन्होंने छोटे अपराधों में बड़ी सजा को भी कम करवाया । एजुकेशन के लिए काम किया कमला ने बैक ऑन ट्रैक प्रोग्राम शुरू कराया था। जिसके तहत छोटे अपराध करने वाले लोगों को स्कूल एजुकेशन और जॉब ट्रेनिंग दिलाई गई, ताकि वे अपराध छोड़कर साधारण जिंदगी जी सकें। कमला ने उन पेरेंट्स को सजा दिलाने पर भी फोकस किया जो अपने बच्चों को एजुकेशन के लिए स्कूल नहीं भेज रहे थे। इस अपराध को ट्रूएंसी कहा जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर ब्लैक पेरेटेंस पर पड़ा। इसके कारण कमला की काफी आलोचना हुई। हालांकि, कमला के लिए कैंपेन चलाने वालों का कहना है कि इसके चलते ट्रूएंसी के मामलों में 33% की गिरावट आई। —————————————- भारत पर ट्रम्प का 25% टैरिफ 7 दिन टला: 90 देशों को भी राहत, लेकिन कनाडा पर आज से 35% टैरिफ; लिस्ट में चीन नहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ को 7 दिन के लिए टाल दिया है। ये आज से लागू होना था, जो अब 7 अगस्त से लागू होगा। ट्रम्प ने 92 देशों पर नए टैरिफ की लिस्ट जारी की है। इसमें भारत पर 25% और पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाया गया है। पूरी खबर पढ़ें…