पूर्व विदेश मंत्री और कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे एसएम कृष्णा का सोमवार देर रात करीब 2:45 बजे निधन हो गया। वे 92 साल के थे। कृष्णा ने बेंगलुरु में अपने आवास पर अंतिम सांस ली। वे उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। कर्नाटक सरकार ने पूर्व CM के निधन पर 3 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। डिप्टी CM डीके शिवकुमार ने मंगलवार को बताया कि कल सुबह 8 बजे एसएम कृष्णा का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव मददुर ले जाया जाएगा। वहां लोग दोपहर 3 बजे तक अंतिम दर्शन कर सकेंगे। शाम 4 बजे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। कर्नाटक के CM रहते हुए उन्होंने बेंगलुरु को IT इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने की एक मजबूत नींव रखी और इंटरनेशनल लेवल पर ‘ब्रांड बेंगलुरु’ बनाने में कामयाब रहे। एक निर्दलीय विधायक से अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले कृष्णा 2004 में देश के प्रधानमंत्री बन सकते थे। यह बात खुद पूर्व PM मनमोहन सिंह ने अपने एक साथी अर्थशास्त्री को बताई थी। अमेरिका में पढ़ने के लिए फुलब्राइट स्कॉलरशिप मिली
कृष्णा का जन्म 1 मई, 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में हुआ था। उन्होंने मैसूर के महाराज कॉलेज ग्रेजुएशन किया और फिर गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से LLB की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्हें अमेरिका में पढ़ने के लिए फुलब्राइट स्कॉलरशिप मिली। कृष्णा ने अमेरिका से लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की। भारत वापस आकर कृष्णा कर्नाटक और दिल्ली हाईकोर्ट में वकालत करने लगे। कुछ समय बाद वे राजनीति में आ गए। निर्दलीय विधायक बना आधुनिक कर्नाटक का जनक
कृष्णा ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक निर्दलीय विधायक के रूप में की थी। वे 1962 विधानसभा चुनाव में मद्दुर सीट से चुने गए थे। विधायक होने के बाद भी वे बेंगलुरु के रेणुकाचार्य लॉ कॉलेज में इंटरनेशनल लॉ पढ़ाते थे। इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी (PSP) से जुड़ गए। हालांकि, अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के एमएम गौड़ा से हार गए। मांड्या लोकसभा सीट के सांसद की मृत्यु के बाद 1968 में उपचुनाव हुए। कृष्णा पहली बार सांसद चुने गए। 1971 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीते। इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। तीन साल बाद हुए मध्यावधि चुनाव में कृष्णा ने मांड्या सीट पर फिर से जीत दर्ज की। इसके बाद 1983 में इंदिरा सरकार में उद्योग राज्यमंत्री बने। राजीव गांधी ने उन्हें अपनी सरकार में वित्त राज्यमंत्री बनाया। वे 1989 में कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष और 1993 में उपमुख्यमंत्री बने। उन्हें 1999 में कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। कृष्णा 11 अक्टूबर, 1999 से 28 मई, 2004 तक कांग्रेस से कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उन्हें आधुनिक कर्नाटक का जनक भी कहा जाता है। इसके बाद दिसंबर, 2004 से मार्च, 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे। कृष्णा 2009 से 2012 तक मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA सरकार में विदेश मंत्री रहे। कृष्णा 2017 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा से जुड़ गए थे। 2023 में उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था। मनमोहन की जगह PM बन सकते थे कृष्णा
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले अपने एक सहयोगी और इकोनॉमिस्ट वैंकटगिरी गौड़ा से कहा था कि एसएम कृष्णा कर्नाटक में अच्छा काम कर रहे हैं। अगर लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की अगुवाई वाला UPA गठबंधन जीतता है तो मैं (मनमोहन सिंह) या कृष्णा को प्रधानमंत्री बनाया जा सकता है। बाद में गौड़ा ने यह बात कुछ लोगों को बताई थी। हालांकि, 2004 के लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए। उस समय एसएम कृष्णा CM थे। उनकी अगुवाई में ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा, लेकिन हार गई। इसके बाद कृष्णा PM की रेस में पिछड़ गए। कुछ महीनों बाद हुए लोकसभा चुनाव में UPA को जीत मिली और मनमोहन सिंह को PM बनाया गया। कैमरे की नजर से एसएम कृष्णा… प्रधानमंत्री और कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के CM ने दुख जताया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृष्णा के निधन से उन्हें गहरा दुख हुआ है। उन्होंने हमेशा दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास किया। उन्हें कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के लिए याद किया जाता है, खासकर बुनियादी ढांचे के विकास पर उनके ध्यान के लिए। कृष्णा जी एक अच्छे विचारक भी थे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि राज्य और केंद्रीय मंत्री और मुख्यमंत्री के रूप में कृष्णा की सेवा अद्वितीय है। कर्नाटक हमेशा आईटी क्षेत्र के विकास में उनके योगदान के लिए उनका ऋणी रहेगा, खासकर मुख्यमंत्री के रूप में।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस में शामिल होने के शुरुआती दिनों में कृष्णा ने उनका मार्गदर्शन किया था। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह एक सच्चे नेता थे। हमारी दोस्ती हमारे संबंधित राज्यों में निवेश आकर्षित करने में हमारी प्रतिस्पर्धात्मक भावना से परे थी। वह एक सच्चे नेता थे जिन्होंने हमेशा अपने लोगों के कल्याण को प्राथमिकता दी। इस कठिन समय में मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कृष्णा के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उनके दशकों के काम ने कर्नाटक के विकास और बेंगलुरु को टेक्नोलॉजी सेंटर में बदलने में अहम भूमिका निभाई। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि श्री एसएम कृष्णा विकास के सच्चे प्रणेता थे। उन्होंने राज्य और देश के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया। यह मेरे लिए निजी क्षति है, क्योंकि हमने सहकर्मियों के रूप में काम किया है। ———————————————————– राजनीति की ये खबरें भी पढ़ें… बांग्लादेशी नेताओं के बयान पर ममता बोलीं- आप कब्जा करेंगे और हम बैठकर लॉलीपॉप खाएंगे ममता बनर्जी ने सोमवार को बांग्लादेशी नेताओं के उस बयान का जवाब दिया। ममता ने कहा कि आपको क्या लगता है, आप हमारी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश करेंगे तो हम लोग लॉलीपॉप खाते रहेंगे। बांग्लादेश के नेताओं ने कहा था कि बांग्लादेश का बंगाल, बिहार और ओडिशा पर अधिकार है। पूरी खबर पढ़ें… ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ इस सत्र में पेश हो सकता है, केंद्रीय कैबिनेट प्रस्ताव को मंजूरी दे चुका है केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में ही ‘वन नेशन-वन इलेक्शन’ बिल पेश कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है, लिहाजा संसद से बिल को चर्चा के लिए जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) के पास भेजा जाएगा। पूरी खबर पढ़ें…


