कलाकृतियों में झलका स्त्री का आत्मबल, बुद्धिमता और खुशमिजाजी:देवी लक्ष्मी के वाहन उल्लू के माध्यम से दिया गहरा संदेश, जेकेके में लगी कला प्रदर्शनी ‘एकोज ऑफ ट्रैंक्विलिटी’

कैनवास पर रंगों की कलाकारी तो आपने खूब देखी होगी। पर क्या रोजमर्रा में काम आने वाले घर के सामानों को रंगों की रचनात्मक जुगलबंदी से नया रूप पाते देखा है। शहर के कलाप्रेमियों के लिए कला के इस नए आयाम का तोहफा लेकर आई हैं, वरिष्ठ कलाकार शालीन खंडेलवाल। शालीन के क्यूरेशन में तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी ‘एकोज ऑफ ट्रैंक्विलिटी’ का शुक्रवार को जवाहर कला केंद्र की सुकृति कला दीर्घा में उद्घाटन हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम में प्रो. सुब्रतो मंडल, प्रो. महेश सिंह और अभिनव बंसल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। प्रदर्शनी में शालीन के लकड़ी की कुर्सी, टेबल, मेटल बाल्टी, गुल्लक, इमाम दस्ता जैसी चीजों पर किए गए काम के साथ ही सेरेमिक टाइल्स पर वॉटर कलर्स से बनाई गई पेंटिंग और लैंडस्केप पेंटिंग प्रदर्शित की गई हैं। जो कलाप्रेमियों को पसंद आ रही हैं। शालीन के साथ ही उनके छह स्टूडेंट्स की पेंटिंग भी प्रदर्शनी में लगाई गई हैं। प्रदर्शनी शनिवार व रविवार को सुबह 11 से शाम 6 बजे तक अवलोकन के लिए खुली रहेगी। देवी लक्ष्मी के वाहन उल्लू के माध्यम से दिया गहरा संदेश प्रदर्शनी की थीम ‘डिवाइन विजडम: वीमन विद ऐन आउल’ है। इसमें शालीन ने उल्लू के माध्यम से स्त्री के भीतर मौजूद आंतरिक शक्ति, बुद्धिमता व खुशमिजाज़ी को सेरेमिक टाइल्स पर वॉटर कलर के माध्यम से उकेरा है। शालीन का मानना है कि भारतीय परंपरा में उल्लू को देवी लक्ष्मी का वाहन माना जाता है, जो न केवल समृद्धि बल्कि गहन बुद्धिमत्ता और अंतर्दृष्टि का प्रतीक है। यह चित्र स्त्री के उस मौन बल की अभिव्यक्ति है। शालीन ने बताया- उन्हें पेंटिंग बनाने से खुशी मिलती है और यही खुशमिजाजी इस शृंखला के चित्रों में झलकती है। प्रदर्शनी में प्रदर्शित शालीन की अंडमान लैंडस्केप पेंटिंग के विषय में उन्होंने बताया कि पति के सेना में होने के कारण उन्हें देशभर में घूमने का मौका मिला। देश-विदेश में देखी भौगोलिक खूबसूरती को उन्होंने अपनी लैंडस्केप सीरीज में कैनवास पर उतारा है। नन्ही कूंची ने कैनवास पर रचा सपनों का संसार
प्रदर्शनी में शालीन खंडेलवाल के छह शिष्यों की पेंटिंग की लगाई गई हैं, जिनमें छह वर्ष के रुद्र खंडेलवाल व नौ वर्ष की अंशिका अग्रवाल की पेंटिंग्स बचपन की मासूमियत और रचनात्मकता का अद्भुत मेल प्रस्तुत कर रही हैं। रश्मि गुप्ता की फैब्रिक पेंटिंग, शोभना शर्मा की पेंसिल कलर्स व ऑयल पेस्टल से बनाई गई पेंटिंग, नीलम चौधरी का एक्रेलिक ऑन कैनवास और नील मलिक का ऑयल पेस्टल ऑन पेपर का काम भी कलाप्रेमियों को आकर्षित कर रहा है।

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