कला भी भाषा की तरह सीखने- सिखाने की प्रक्रिया को बनाती है आनंदमय

भास्कर न्यूज | जालंधर एपीजे स्कूल मॉडल टाउन में एपीजे एजुकेशन सोसाइटी की अध्यक्षा सुषमा पॉल बर्लिया के नेतृत्व में शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण सत्र बुधवार को संपन्न हुआ। सत्र के अंतिम दिन “कला समेकित” (आर्ट इंटीग्रेटेड) पर प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया। इस सत्र के मुख्य वक्ता एमजीएन स्कूल, अर्बन एस्टेट फेस-2 की प्रधानाचार्या राजविंदर पाल और मिंटगुमरी गुरु नानक पब्लिक स्कूल आदर्श नगर की मुख्याध्यापिका संगीता भाटिया थी। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से की गई। स्कूल प्रधानाचार्य डॉ. राजेश कुमार चंदेल ने दोनों रिसोर्स पर्सन का हार्दिक स्वागत किया। इसके बाद दोनों ने “कला समेकित शिक्षण” पर प्रशिक्षण सत्र प्रस्तुत किया। यह सत्र बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद रहा। इससे शिक्षकों के ज्ञान में वृद्धि हुई। उन्होंने बताया कि कला समेकन शिक्षकों के लिए एक रचनात्मक और नवीन दृष्टिकोण है, जो पाठ को रोचक और अर्थपूर्ण बनाता है। कला एक भाषा की तरह है, जो सीखने सिखाने की प्रक्रिया को आनंदमय बनाती है। विद्यार्थी इससे अत्यधिक प्रेरित होते हैं। उनमें सामाजिक जिम्मेदारी, आपसी सहयोग और तालमेल जैसे नैतिक गुण विकसित होते हैं। विद्यार्थियों के मनोरंजन और ध्यान केंद्रित करने के लिए तथा उनकी समस्या-समाधान क्षमता को विकसित करने के नए तरीके बताए गए।

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